
amit shah
नई दिल्ली। चुनावी राज्यों गुजरात, हिमाचल, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं को पार्टी में शामिल कर चुनाव से पहले मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने की रणनीति पर भारतीय जनता पार्टी कार्य कर रही है। पार्टी का मानना है कि हालिया पांच राज्यों के चुनाव नतीजे में बुरे प्रदर्शन की वजह से कांग्रेस के नेताओं का न केवल मनोबल गिरा है बल्कि अंदरखाने काफी असंतोष है। ऐसे में चुनावी राज्यों में पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को भाजपा में शामिल कर जनता में कांग्रेस के कमजोर होने का संदेश दिया जा सकता है। गुजरात और हिमाचल में इस वर्ष के आखिर में, जबकि राजस्थान और मध्य प्रदेश में अगले वर्ष 2023 में चुनाव होंगे।
गुजरात में कांग्रेस से नाराज चल रहे तीन बार के विधायक अश्निन कोटवाल भी भाजपा में शामिल हो गए। नेता विपक्ष नियुक्त न होने से नाराज कोटवाल ने मंगलवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। मौजूदा समय वो गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के व्हिप थे। भाजपा सूत्रों का कहना है कि चुनाव नजदीक आने पर कांग्रेस के कुछ और विधायक इस्तीफा देकर भगवा दल में शामिल हो सकते हैं। कोटवाल के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या 63 रह गई है। इससे पहले वर्ष 2020 में राज्यसभा चुनाव के समय कांग्रेस के 8 विधायकों ने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। दिसंबर 2017 में हुए 182 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 77 सीटें जीतने वाली कांग्रेस के विधायकों के लगातार इस्तीफों के कारण अब संख्या 63 रह गई है।
राजस्थानः दो गुटों की लड़ाई पर भाजपा की नजर
राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई में भाजपा अपने लिए फायदा देख रही है। गहलोत सरकार में समायोजन न होने से कांग्रेस के कई नेता नाराज चल रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बीते दिनों पत्रिका से बातचीत में कहा था कि कांग्रेस के कई नेता उनकी पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस छोड़कर आने वाले नेताओं को स्क्रीनिंग के बाद पार्टी में शामिल किया जाएगा। चुनावी राज्य मध्य प्रदेश के असंतुष्ट नेताओं पर भी भाजपा की नजर है। मध्य प्रदेश में जी 23 गुट के एक नेता सहित तीन प्रमुख नाराज बताए जाते हैं।
हिमाचल में आप को भाजपा दे चुकी झटका
भारतीय जनता पार्टी ने जहां दूसरे राज्यों में कांग्रेस के बागियों पर फोकस किया, वहीं हिमाचल प्रदेश में सबसे पहले आम आदमी पार्टी को रणनीति के तहत झटका दिया। भाजपा ने बीते दिनों आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी, संगठन महामंत्री सतीश ठाकुर और ऊना अध्यक्ष इकबाल सिंह व महिला मोर्चा पदाधिकारियों को शामिल कराकर राज्य में अरविंद केजरीवाल की पार्टी के संगठन के कमजोर होने का संदेश दिया। दरअसल, पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत से उत्साहित होकर जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने आक्रामक रूप से हिमाचल प्रदेश का रुख किया, उससे सजग हुई भाजपा ने आप नेताओं को तोड़कर परसेप्शन के मोर्चे पर पार्टी को झटका देने की कोशिश की।
Published on:
04 May 2022 12:33 pm
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