जींद सीट का उपचुनाव काफी हाई प्रोफाइल है। कांग्रेस और बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है। जींद सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने राहुल गांधी के भरोसेमंद माने जाने वाले रणदीप सिंह सुरजेवाला को मैदान में उतारा, जबकि भाजपा से कृष्ण मिड्ढा की चुनावी किस्मत का फैसला होगा। इस सीट पर कांग्रेस की जीत जहां उसका मनोबल बढ़ाएगी, वहीं भाजपा यहां से हार जाती है तो यह उसके लिए नैतिक हार होगी। इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के कृष्ण मिड्ढा, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला तथा जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय चौटाला के बीच है।
कांग्रेस ने अपने मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के अलावा यह उपचुनाव इनेलो और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के लिए भी अहम माना जा रहा है। जजपा का गठन इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से टूट कर अलग हुए एक धड़े से हुआ है। इनेलो विधायक हरि चंद मिड्ढा की मृत्यु के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी। उनके पुत्र कृष्ण मिड्ढा हाल ही में भाजपा में शामिल हो गए और वह भगवा पार्टी के टिकट पर यह उपचुनाव लड़ रहे हैं। इनेलो ने उमेद सिंह रेढू को अपने उम्मीदवार के तौर पर उतारा है। जजपा ने सांसद दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस उपचुनाव में दो महिला उम्मीदवारों सहित कुल 21 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।