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जातिगत जनगणना पर केंद्र के इंकार से गुस्साए लालू यादव, पूछा- आखिर पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों?

locationनई दिल्लीPublished: Sep 24, 2021 03:05:35 pm

Submitted by:

Nitin Singh

केंद्र सरकार ने बिहार में जातिगत जनगणना (caste census) से इंकार कर दिया है। इसको लेकर बिहार की सियासत में एक बार फिर से तूफान आ गया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) ने केंद्र सरकार के इस रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है। लालू का कहना है कि आखिर सरकार को पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों है।

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लालू प्रसाद यादव

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बिहार में जातिगत जनगणना (caste census) से इंकार कर दिया है। दरअसल, केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दायर कर कहा है कि सरकार पिछड़ी जातियों की जनगणना के पक्ष में नहीं है। इसको लेकर बिहार की सियासत में एक बार फिर से तूफान आ गया है। तमाम विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार सहित बिहार सरकार पर भी हमलावर हैं। वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) ने केंद्र सरकार के इस रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है। लालू का कहना है कि आखिर सरकार को पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों है।
लालू ने केंद्र से पूछा ये सवाल

राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि इस देश में जानवरों और पेड़ों की गिनती की जा सकती है, लेकिन पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के इंसानों की गिनती नहीं की जा सकती। क्या पिछड़ों का महत्व इस देश में जानवरों से भी कम है। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि आखिर सरकार को पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों है। ऐसी सरकार और इन वर्गों के मंत्रियों और सांसदों का बहिष्कार होना चाहिए।
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पीएम मोदी से मिले थे बिहार के नेता

बता दें कि जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से दायर याचिक के जवाब में अपना पक्ष रखा है। केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर साफ तौर पर कहा है कि जाति आधारित जनगणना प्रशासन के स्तर से कठिन है। इसके बाद से केंद्र के इस रवैये की जमकर आलोचना हो रही है।
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गौरतलब है कि बीते दिनों बिहार के कई पार्टियों के नेताओं ने राज्य में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर पीएम मोदी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद सभी नेताओं पर चेहरे पर संतोष की भावना दिखी थी। पीएम से मुलाकात के बाद नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंभीरता से उनकी बात सुनी है और जल्द ही वो इस संबंध में अपना निर्णय लेंगे। हालांकि इन नेताओं को सरकार से ऐसे रवैये की उम्मीद तो कतई नहीं थी।

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