चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत प्रधानमंत्री से मुलायम सिंह सरकार द्वारा लखनऊ में किसानों पर ज्यादती के मामले में मिलने गए थे। उन्होंने कहा कि हर्षद मेहता पांच हजार करोड़ का घपला करे हुए है। जिसमें कई मंत्री शामिल हैं। सरकार उनसे वसूली नहीं कर पाई। लेकिन किसानों को दो सौ रुपए वसूली के लिए जेल भेज रही है। कुछ ऐसा ही अंदाज था महेंद्र सिंह टिकैत का देश भर में।
यह भी पढ़े : 31 मई को ठहर सकते हैं ट्रेनों के पहिए, स्टेशन मास्टर जाएंगे अवकाश पर किसान राजनीति के चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत सबसे बड़े चौधरी थे। आजादी के पहले कई ऐसे किसान आंदोलन हुए। जिनमें देश के दिग्गज नेताओं के साथ ही महात्मा गांधी तक शामिल हुए। आजादी मिली तो देश भर में हर राज्य में किसान हितों के लिए किसान संगठन बने। इन संगठनों में किसानों के कई बड़े नेता बने। लेकिन समय बदला तो नेता भी बदलते चले गए। लेकिन चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत उन किसान नेताओं से अलहदा ही रहे।
यह भी पढ़े : Meerut Weather Update Today : आसमान से बरस रही आग, मेरठ और आसपास पारा @ 42 के पार यहीं कारण है कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने सबसे बड़े किसान नेता के तौर पर देश के किसानों के बीच अपनी जगह बनाई। ये वो नेता थे जिनके दिल में जो आता था कह दिया करते थे। उनको इससे मतलब नहीं था किसी को क्या फर्क पड़ता है। 1988 में मेरठ कमिश्नरी धरने ने प्रदेश से लेकर देश की केंद्र सरकार को किसानों के सामने झुकने के लिए मजबूर कर दिया था। आज किसान नेता इस दुनिया में नहीं हैै लेकिन उनकी कमी आज भी किसानों को खल रही है। किसान अपने को नेतृत्वविहीन मान रहा है।