
लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है। भाजपा क्षेत्रीय पार्टियां को लगातार खुद से जोड़ने की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में सोमवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद राजग में शामिल हो गए। बड़ा सवाल ये है कि भाजपा ने चिराग को तो खुद से जोड़ लिया। क्या लोजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को खुद से जोड़े रख पाएगी? अगर वह दोनों को साथ में रख भी लेती है तो हाजीपुर सीट को लेकर वह कौन सा रास्ता निकालेगाी।
रामविलास पासवान के निधन के बाद दो खेमे में बटी पार्टी
साल 2020 में तब के केंद्रीय मंत्री और लोजपा के अध्यक्ष दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद चाचा-भतीजा के बीच लोजपा दो गुटों में बंट गई थी। इसके बाद जुलाई 2021 में हुए मोदी कैबिनेट के विस्तार में भाजपा ने पारस गुट को असली लोजपा मानकर पशुपति को अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाया था। हालांकि बिहार में चिराग की लोकप्रियता को देखकर भाजपा ने चिराग को अपने खेमे में शामिल कर लिया।
हाजीपुर सीट को लेकर आमने सामने है चिराग और पारस
उधर, चाचा पारस को भी रामविलास की पारंपरिक सीट हाजीपुर ही चाहिए, जहां से वह फिलहाल सांसद हैं। पारस अपने साथ के चार सांसदों की सुरक्षा भी चाह रहे हैं। दोनों चाचा-भतीजा अपनी मांग पर कायम हैं। माना जा रहा कि चाचा-भतीजे के साथ भाजपा की अलग से बैठक होगी और मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।
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Published on:
18 Jul 2023 10:42 am
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