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राजस्थान में बच गई कांग्रेस सरकार, अब Rahul Gandhi को दिया जा रहा है इस बात का श्रेय

Rahul Gandhi को संकट समाधान का श्रेय देने के पीछे कांग्रेस की सोची समझी रणनीति ( Congress Planned Strategy ) है। Lok Sabha और Rajya Sabha के सांसद Sonia Gandhi के साथ बैठक में राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग कर चुके हैं। पीएम मोदी ( PM Modi ) का विरोध करने से लेकर सभी सियासी मुद्दों ( Political Issues ) पर राहुल गांधी ही चेहरा बने हुए हैं।

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Rahul Gandhi

Rahul Gandhi को संकट समाधान का श्रेय देने के पीछे कांग्रेस की सोची समझी रणनीति है।

नई दिल्ली। लंबे समय से जारी राजस्थान सियासी घमासान ( Rajasthan Political Crisis ) के बाद वहां पर कांग्रेस की सरकार ( Congress Government ) भी बच गई। सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) गांधी परिवार ( Gandhi Family ) के राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी से बातचीत और आश्वासन के बाद अपने घर लौट आए हैं। इसके साथ ही राजस्थान में सियासी संकट समाधान का क्रेडिट ( Credit ) लेने को लेकर होड़ मची है। फिलहाल वहां पर सियासी संकट का समाधान निकालने के लिए राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) को इसका श्रेय दिया जा रहा है। इस पीछे कांग्रेस की सोची समझी रणनीति ( Congress Planned Strategy ) भी हो सकती है।

कांग्रेस पार्टी के नेता इसका पूरा श्रेय पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को दे रहे हैं। लेकिन यह केवल संयोग भर नहीं है। हकीकत यह है कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का कार्यकाल खत्म होने के साथ पार्टी ने राहुल गांधी की तारीफों के पुल बांधने शुरु कर दिए हैं।

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राहुल को अध्यक्ष बनाने की मांग ने पकड़ी जोर

इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के अंदर यह मांग जोर पकड़ने लगी है कि मौजूदा राजनीतिक स्थितियों का मुकाबला करने के लिए राहुल गांधी को एक बार फिर पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। हाल ही में लोकसभा ( Lok Sabha ) और राज्यसभा ( Rajya Sabha ) सांसदों के साथ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की बैठक में भी यह मुद्दा उठा। इससे पहले भी कई दूसरे नेता भी यह मांग उठाते रहे हैं।

शरद पवार भी देते रहे हैं सुझाव

दूसरी तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ( NCP Chief Sharad Pawar )भी राहुल गांधी को पार्टी की बागडोर संभालने की नसीहत देते रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राहुल गांधी भले ही अध्यक्ष पद पर नहीं हों, पर कांग्रेस की पूरी रणनीति के केंद्र में आज भी वही हैं।

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बिहार चुनाव के लिए उन्होंने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यकर्ताओं से बात की। राजस्थान संकट हल करने के लिए सचिन पायलट भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बजाए राहुल गांधी से मिले। मोदी सरकार के खिलाफ भी राहुल गांधी पार्टी का सबसे मुखर चेहरा बने हुए हैं। सवाल यह है कि क्या यह सब इत्तफाक है, पर ऐसी बात है नहीं।

बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी एक साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं। ऐसे में इस मुद्दे पर होने वाली सीडब्लूसी की बैठक में इस बार राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग और तेज हो सकती है।

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ( Congress spokesperson Randeep Surjewala ) से इस बारे में सवाल किए जाने पर कहा कि 99 नहीं बल्कि सौ फीसदी पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद संभाले। इसका निर्णय कांग्रेस कार्यसमिति, राहुल गांधी और पार्टी उचित समय पर करेगी। भविष्य में क्या होता है यह निर्णय समय करेगा। पर जो होगा अच्छा होगा।