scriptPolitical battle : राजस्थान मेरी कर्मभूमि, दुनिया की कोई भी ताकत नहीं कर सकती दूर – Sachin Pilot | Political battle : Rajasthan is my workplace, no power in the world can overcome: Sachin Pilot | Patrika News

Political battle : राजस्थान मेरी कर्मभूमि, दुनिया की कोई भी ताकत नहीं कर सकती दूर – Sachin Pilot

locationनई दिल्लीPublished: Aug 12, 2020 11:29:57 am

Submitted by:

Dhirendra

Sachin Pilot ने कहा पद आते जाते रहते हैं, लेकिन Public Life में जनता का भरोसा कायम रखना सबसे ज्यादा अहम होता है।
Congress President Sonia Gandhi के सामने हमने सियासी मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी है, उन्होंने निराकरण का भरोसा दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से 3 सदस्य कमेटी ( 3 member committee ) बनाई गई है और जल्द ही बड़े बदलाव होंगे, जिससे सरकार और संगठन दोनों को मजबूती मिलेगी।

sachin pilot

Congress President Sonia Gandhi के सामने हमने सियासी मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी है, उन्होंने निराकरण का भरोसा दिया है।

नई दिल्ली। राजस्थान ( Rajasthan ) में पिछले एक माह से जारी सियासी घटनाक्रमों पर सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) ने पत्रिका से कर हर मुद्दे पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि राजस्थान उनकी कर्मभूमि है। वह, अंतिम सांस तक प्रदेश की जनता की सेवा करेंगे। पायलट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वे एक विधायक के पद से भी संतुष्ट हैं। जीवन में पद आते जाते रहते हैं लेकिन जनता का विश्वास कायम रखना एक जनप्रतिनिधि की अहम जिम्मेदारी होती है।
बातचीत के क्रम में उन्होंने बताया कि 20 वर्ष के राजनीतिक जीवन में कुछ मर्यादाओं का सिद्धांत बनाया है और उसे ताउम्र निभाएंगे। पेश है विवेक श्रीवास्तव के साथ सचिन पायलट की विस्तृत बातचीत…..।
Independence Day 2020 : मुसलमानों के लिए एक अलग देश कौन चाहता था, कम शब्दों में जानिए पूरी कहानी

सवाल : इतने दिन का जो सियासी घटनाक्रम चला, उस पर आपका क्या कहना है?
जवाब : हम सभी लोगों ने मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी है और निराकरण का भरोसा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Congress President Sonia Gandhi ) ने दिया है। सरकार के निर्माण में जिन कार्यकर्ताओं ने अपना खून पसीना बहाया है, उनको सरकार में मान-सम्मान मिलना चाहिए। जनता से जो वादा किया उसको पूरा करने की दिशा में तीव्र गति से आगे बढऩा पड़ेगा। इस मामले में 3 सदस्य कमेटी ( 3 member committee ) बनेगी जो इन सब मुद्दों पर फैसला करेगी। कोई पार्टी में आवाज उठाए तो उसे देशद्रोही ( anti-national ) करार देना ठीक नहीं था। जिस दिन राजद्रोह का नोटिस ( Treason notice ) मिला उस दिन हम सभी आहत हुए। मैं, उस समय पीसीसी चीफ और प्रदेश का उपमुख्यमंत्री था। इस मुद्दे पर हम दिल्ली आए, उसके बाद नोटिस भेजना, केस दर्ज करना जैसी तमाम घटनाएं हुई। हमें न्यायालय ( Court ) की शरण लेनी पड़ी। इस घटनाक्रम की कल्पना नहीं की थी। हम तो शुरु से कह रहे थे कि हम कांग्रेसी हैं और पार्टी में ही रहेंगे। बावजूद इसके कई तरह की अफवाहें उड़ाई गईं।
सवाल : कई तरह के शब्द बाण आपने झेले, क्या इनसे चोट नहीं पहुंची?

जवाब : मैं भी एक इंसान हूं, जिस तरह के शब्दों का उपयोग किया गया, उससे पीड़ा भी हुई। मैंने, संयम के साथ खून का घूट पीया। सब बातों को धैर्य रखकर सुना और कोई रिएक्ट नहीं किया। मान मर्यादा संयम की राजनीति में बहुत वैल्यू होती है। कटाक्ष करना, व्यक्तिगत हमला ( Personal attack ) बोलना, नई पीढ़ी के सामने गलत उदाहरण पेश करता है। मैंने पिछले 20 वर्ष के राजनीतिक जीवन में एक सिद्धांत बनाया है कि कभी व्यक्तिगत टिप्पणी किसी पर नहीं की, इन सिद्धांतों को जीवन भर बनाए रखूंगा। बड़े पदों पर बैठे जिम्मेदार लोगों ने भी कुछ ऐसे शब्द बोले जो पद की गरिमा के कतई अनुकूल नहीं थे। इनका दुख मुझे है।
सवाल : धारा 124ए को हटाने का वायदा मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने किया था, वही आप पर डाल दी गई?

जवाब : इन्हीं सब मुद्दों पर दिल्ली में आलाकमान के पास बात करने आए थे। जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) खुद ही कह रहे हैं कि इसलिए डेढ़ साल में उन्होंने मुझसे बात नहीं की तो आप समझ सकते हैं। जब विपक्ष रहते हुए प्रदेश अध्यक्ष बना तो पार्टी का मुखिया होने के नाते सबको साथ लेकर चला और हर चुनौती को स्वीकार किया। सरकार बनी तो निर्णय राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) पर छोड़ दिया। उस समय पार्टी हाईकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और मुझे उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया, उस समय भी मैंने संगठन में ही कार्य करने की इच्छा जताई थी लेकिन जोर देकर सरकार में शामिल किया गया। आज जिस तरीके से होटल में बैठकर विधायकों के कार्य हो रहे हैं इससे मुझे बहुत खुशी मिली है। क्योंकि मेरी लड़ाई ही इस बात की थी कि विधायकों के कार्य हों। सीएलपी की बैठक पिछले डेढ़ साल में एक या दो बार ही हुई थी लेकिन आप देखिए पिछले एक महीने में कितनी बार हुई…।
रायबरेली से एमएलए Aditi Singh ने प्रियंका गांधी की मुहिम को दिया झटका, सीएम योगी को बताया ‘राजनीतिक गुरु’

सवाल : कांग्रेस हाईकमान के साथ बातचीत में किन बातों पर सहमति बनी, आपके खिलाफ एक सुनियोजित ढंग से साजिश की गई?
जवाब : पहले दिन स्पष्ट कहा था कि मैं कांग्रेस के साथ हूं। हमने सभी मुद्दों को हाईकमान के सामने रख दिया है, कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से 3 सदस्य कमेटी बनाई गई है और जल्द ही बड़े बदलाव होंगे, जिससे सरकार और संगठन दोनों को मजबूती मिलेगी। अपने लिए कोई पद नहीं मांगा है, केवल विधायकों के मान सम्मान की बात कही है, जिसको हाईकमान ने स्वीकार किया है। दूसरी बात यह कि साजिश ( Conspiracy ) राजनीति में मायने नहीं रखती, हम लोगों ने एक स्टैंड लिया है। पार्टी के ओर से जो भी जिम्मेदारी मिली उसको निष्ठा के साथ निभाया है। पिछले दिनों जो आरोप मुझ पर लगे उनकी सच्चाई आखिरकार जनता के सामने आ गई और सारे आरोप निराधार साबित हुए।
सवाल : पायलट को राजस्थान की राजनीति से अलग किया जाएगा, ऐसी चर्चा है?

जवाब : मेरी कर्मभूमि राजस्थान है और दुनिया की कोई ताकत मुझे राजस्थान से अलग नहीं कर सकती है। राजस्थान से मेरा रिश्ता अटूट है और जीवन की अंतिम सांस तक रहेगा। मैं, पहले केंद्रीय मंत्री भी रहा लेकिन सांसद राजस्थान से ही था। आज जो कुछ भी हूं, राजस्थान की जनता के आशीर्वाद से हूं। मैंने हाईकमान से कोई भी पद नहीं मांगा है। हाईकमान से स्पष्ट तौर पर कहा है कि समर्थक विधायकों के खिलाफ राजनीतिक द्वेष से कोई कार्रवाई न हो और उनका मान सम्मान रहे। मैं जनता का सेवक हूं और हमेशा रहूंगा। टोंक का विधायक हूं और प्रदेश की जनता की सेवा करता रहूंगा। पद तो आने जाने हैं, लेकिन जनता की नजर में एक अमिट छाप बनाना जीवन में महत्वपूर्ण होता है। यह बड़ी कामयाबी है, पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है। 2013 में 21 सीटों पर सिमटी पार्टी को सत्ता में लाने के लिए जेल गए, संघर्ष किया, डंडे खाए। बहुत विश्वास के साथ जनता ने सरकार बनाई है। किसानों के ऋण माफ करने की कार्ययोजना बने इन सब पर बात हाईकमान के सामने रखी है।
Former PM Manmohan Singh ने दिए नेक सलाह, आर्थिक संकट से बाहर आने के लिए मोदी सरकार को करने होंगे 3 काम

सवाल : 2013 में पहली बार पीसीसी चीफ बनने से लेकर अब तक जिन कार्यकर्ताओं ने साथ दिया, उनको सरकार में भागदारी मिलेगी?
जवाब : लड़ाई ही इसी बात की है और संघर्ष ही इसका था। उन कार्यकर्ताओं को सरकार में उतनी भागीदारी नहीं मिल रही थी। भविष्य में मिले, क्योंकि अभी काफी समय है। इसके अलावा जिन भ्रष्टाचार के मामलों को विपक्ष में रहते हुए उठाए, उन्हें कैसे भूल जाएं। सरकार पारदर्शी तरीके से काम करे, ऐसा कार्य हो कि राजस्थान में पुराना चक्र टूटे और कांग्रेस दोबारा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में लौटे। हर कार्यकर्ता के मान सम्मान की रक्षा मेरी जिम्मेदारी है।
( विवेक श्रीवास्तव की रिपोर्ट )

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो