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केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में कटौती पर सियासत गर्म, कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर साधा निशाना

देश में कोरोना वायरस ( coronavirus ) का प्रकोप जारी केन्द्र सरकार ( Central Government ) ने केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में की कटौती पूर्व PM मनमोहन सिंह ( Manmohan Singh ), राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) समेत कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर साधा निशाना

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manmohan singh and rahul gandhi

महंगाई भत्ते की कटौती पर कांग्रेस नेताओं ने केन्द्र सरकार पर हमला बोला।

नई दिल्ली। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस ( coronavirus ) की संकट से जूझ रहा है। आलम ये है कि इस महामारी को लेकर चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है। इस बीमारी से लड़ने के लिए देश में अगामी तीन मई तक के लिए लॉकडाउन ( Lockdown ) लगा हुआ है। इसी बीच केन्द्र सरकार ( Central Governmnet ) ने केन्द्रीय कर्मचारियों को बड़ा झटका देते हुए उनकी महंगाई भत्ते ( Dearness Allowance ) में कटौती कर दी है, जिस पर अब सिसायत गरमा गई है। DA कटौती पर कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर जमकर हमला बोला है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( Manmohan singh ), राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने केन्द्र सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि केन्द्रीय कर्मचारियों और सशस्त्र बलों पर यह कठोरता थोपना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों पर इस समय इसे लागू करने की कोई आवश्यकता नहीं है। पूर्व पीएम ने कहा कि DA पर केन्द्र सरकार का यह फैसला गैर जरूरी है।

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार के इस फैसले को अमानवीय बताया था। उन्होंने कहा था कि कर्मचारियों को लेकर मोदी सरकार ने जो फैसला लिया है, वह पूरी तरह से असंवेदनशील है। राहुल गांधी ने कहा कि कर्मचारियों के भत्ते काटने के बजाय बुलेट ट्रेन परियोजनाओं और फिजूल खर्चों पर केन्द्र सरकार को पाबंदी लगानी चाहिए। कांग्रेस ने केन्द्र सरकार के इस फैसले की तीव्र आलोचना की है। पार्टी ने केन्द्र सरकार के इस फैसले को जले पर नमक छिड़कने से जैसा बताया है।

गौरतलब है कि गुरुवार केन्द्र सरकार ने 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों को दिए जाने वाला महंगाई भत्ता रोकने का फैसला किया है। सरकार ने कहा है कि जून 2021 तक केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों पर यह फैसला जारी रहेगा। सरकार का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण सरकार पर पड़ रहे आर्थिक बोझ के कारण यह फैसला लिया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस कटौती की वजह से केंद्र और राज्य सरकार के खजाने को लगभग सवा लाख करोड़ रुपए की बचत होगी। सरकार के इस फैसले पर एक बार फिर सियासत गरमाई हुई है।