
नई दिल्ली। ईज आॅफ डूइंग बिजनेस को लेकर आई विश्व बैंक की ताजा रिपोट पर कांग्रेस ने बीजेपी धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। राहुल गांधी के बयान के बाद अब कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने विश्व बैंक की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। सिंघवी ने कहा कि रैंकिंग तो फिक्स की जा सकती है, लेकिन असलियत को नहीं छिपाया जा सकता। कांग्रेस प्रवक्ता ने ट्वीट कर यह भी कहा कि यदि आधारभूत चीजों में ही दिक्कत होगी तो ऐसी कोई भी रैंकिंग वास्तविकता को झुठला नहीं सकते।
छिड़ी सियासी जंग
दरअसल, कांग्रेस विश्व बैंक की रिपोर्ट पर बीजेपी सरकार का लगातार घेराव कर रही है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की सच्चाई जगजाहिर है। उन्होंने कहा कि खुद को खुश करने के लिए वित्त मंत्री जेटली जी यह ख्याल अच्छा है। अपनी गुजरात रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वित्तमंत्री विदेशी लोगों की बात मानते हैं, लेकिन देश में गरीब कारोबारियों की एक नहीं सुनते। हालांकि राहुल के इस ट्वीट पर वित्त मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि यूपीए और एनडीए सरकार में बस यही फर्क है कि ईज़ ऑफ डूइंग करप्शन की जगह ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस ने ले ली है। वहीं बीजेपी नेता संबित पात्रा ने भी कांग्रेस उपाध्यक्ष का घेराव करते हुए कहा कि उनके लिए ईज आॅफ डूइंग करप्शन अधिक महत्वपूर्ण था।
बीजेपी ने बताया एतिहासिक
बता दें कि यह पहली बार है जब भारत कारोबार सुगमता के मामले में शीर्ष 100 देशों में जगह बनाने में सफल हुआ है। भारत ने 30 नंबर की लंबी छलांग लगाते यह मुकाम हासिल किया है। इससे पहले भारत दुनिया के 130वें पायदान पर था। बीजेपी सरकार ने इसे एतिहासिक छलांग बताते हुए इसको पिछले तीन—चार सालों में किए कामों का नतीजा बताया है। दरअसल, यह रैंक निर्धारित करने के लि विश्व बैंक की ओर से 10 बिंदु रखे गए हैं। इन बिंदुओं के हिसाब से देशों की रिपोर्ट कॉर्ड के आधार पर यह रैंक फिक्स की जाती है।
Published on:
01 Nov 2017 08:55 pm
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