गूगल से कमाएं एक लाख रुपए, सिर्फ करना होगा यह दलितों के भरोसे कांग्रेस राहुल गांधी की नेतृत्व में होने जा रहे इस सम्मलेन में कांग्रेस का पूरा फोकस दलित राजनीति पर होगा। बीते कई दशक तक दलित वोट बैंकों पर राज कर चुकी कांग्रेस की हाथ से दलित वोट बैंक अब काफी हद तक खिसक चुका है। बहुत समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्री जनता दल, लोकजनशक्ति पार्टी और इसी तरह की कई अन्य क्षेत्रीय दलों के उभार के चलते दलित वोट का एक बड़ा हिस्सा कांग्रेस की हाथ से निकल चुका है। बेटे लोकसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश की साथ अन्य राज्यों की विधनसभा चुनाव में यह प्रवृत्ति सामने आई है कि दलितों ने भाजपा को भी काफी संख्या में वोट दिया है। यह कांग्रेस की लिए बड़ी चिंता है।
दलित वोट जुटाने के लिए आज से संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत करेंगे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दलितों के मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना बीते कई दिनों से राहुल गांधी दलितों की मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते रहे हैं। दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस ने 9 अप्रैल को देश भर में सांकेतिक उपवास रखा था। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को दलित विरोधी बताया था।13 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती के एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने बाबा साहेब अम्बेडकर का समय समय पर अपमान किया। उम्मीद है कि संविधान बचाओ मंच से दलितों के मुद्दे के साथ-साथ रेप, सदन में अविश्वास प्रस्ताव, चीफ जस्टिस पर महाभियोग जैसे मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधेंगे।
कांग्रेस की अनुसूचित जाति सेल की प्रमुख नितिन राऊत ने इस सम्मेलन के बारे में बताया कि दिल्ली के बाद पार्टी देश भर में ‘संविधान बचाओ अभियान चलाएगी’। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में दलितों की माली हालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले सहित दलितों के शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सभी मुद्दों पर चर्चा होगी।
क्या सचमुच खतरे में है संविधान राहुल गांधी भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि यह कांग्रेस और प्रत्येक भारतीय का दायित्व है कि संविधान और प्रत्येक भारतीय के अधिकारों की रक्षा की जाए। प्रत्येक व्यक्ति के भविष्य की रक्षा की जाए। देश में असहिष्णुता का माहौल है। प्रधानमंत्री और सत्ताधारी दल विपक्ष की आवाज़ को दबा रहे हैं, जिससे लोकतंत्र कलंकित हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि खुद को देश का चौकीदार कहने वाले आज देश में और देश के बाहर मौन साध कर बैठे हुए हैं। उन्होंने संसद के सत्र को छोटा करने, सरकार की खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव न पास होने देने और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की खिलाफ चार अन्य जजों के विरोध को भारतीय संविधान और लोकतंत्र की लिए खतरा बताया।
राहुल गांधी भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर लोकतंत्र और संविधान की खात्मे का आरोप लगाते रहे हैं। कांग्रेस की स्थापना दिवस पर उन्होंने संविधान की स्वायत्तता की लिए बोलते हुए कहा था कि, ‘यदि हम अपने देश का इतिहास देखें तो एक महत्वपूर्ण दिन वह था जब हमें संविधान मिला था, उसी दिन ही हमने यह तय किया था कि जाति, नस्ल, धर्म का भेदभाव किए बिना हर व्यक्ति के समान अधिकार होंगे। भविष्य को बनाने की हमारी क्षमता समान होगी।’ उन्होंने कहा कि आज यह देखकर परेशानी होती है कि हमारे देश का आधार जो संविधान है, जिसे कांग्रेस पार्टी और डॉ. अंबेडकर ने दिया था, उस पर हमला किया जा रहा है।