
अरविंद केजरीवाल के धरने का नौवा दिन, सीएम बोले- एलजी साहब से पास 8 मिनट नहीं
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राजनीति का हाई वोल्टेज ड्रामा जारी है। 11 जून को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने तीन अन्य कैबिनेट मंत्रियों के साथ उप राज्यपाल के दफ्तर में धरने पर बैठे। जिसमें उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की भूख हड़ताल के बाद तबियत बिगड़ने से अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था। इसके बावजूद भी केजरीवाल और गोपाल राय अबतक धरने पर बैठे हैं। मंगलवार को केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि इतने दिन हो गए एलजी साहब के पास हमसे मिलने का वक्त नहीं है।
एलजी के पास आठ मिनट नहीं: केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, सुप्रभात दिल्ली, आठ दिनों से हम माननीय उप राज्यपाल से मिलने के लिए इंतजार कर रहे हैं। उपराज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री खराब सेहत की वजह से अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं, लेकिन एलजी साहब आठ दिनों में दिल्ली के लोगों से मिलने के लिए आठ मिनट का भी वक्त नहीं निकाल सकें।
हाईकोर्ट से आप सरकार को फटकार
सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल के धरने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने आम आदमी पार्टी सरकार से जवाब मांगा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना देने की अनुमति किसने दी।कोर्ट ने कहा कि उपराज्यपाल का कार्यालय कोई धरना स्थल नहीं है। न्यायमूर्ति ए.के. चावला और न्यायमूर्ति नवीन चावला की अवकाश पीठ ने कहा कि अगर यह हड़ताल या धरना है, तो इसे कहीं और होना चाहिए। इसे हड़ताल नहीं बोला जा सकता।
सुलह को तैयार आईएएस
वहीं दिल्ली सरकार के साथ असहयोग का आरोप झेल रहे आईएएस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बातचीत की पेशकश की है। मेल-मिलाप का पहला संदेश देते हुए आईएएस अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी की शासन व्यवस्था में सहयोग के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। एक दिन पहले केजरीवाल ने ट्वीट कर उनकी सुरक्षा और बचाव की जिम्मेदारी लेने की बात दोहराते हुए उन्हें आश्वस्त किया था। आईएएस एसोसिएशन ने ट्वीट कर कहा कि अधिकारी मुख्यमंत्री की अपील का स्वागत करते हैं। हम दोहराते हैं कि हम पूरी शिद्दत और ताकत के साथ कार्य करना जारी रखेंगे। हम अपनी सुरक्षा और गरिमा के लिए ठोस हस्तक्षेप की उम्मीद करते हैं। हम इस मसले पर मुख्यमंत्री के साथ औपचारिक चर्चा के लिए तैयार हैं।"
दिल्ली सरकार की 3 मांग
केजरीवाल व उनके नेता अपनी तीन मांगों को लेकर बेमियादी अनशन पर हैं, जिनमें दिल्ली प्रशासन में काम कर रहे आईएएस अधिकारियों को उनकी हड़ताल खत्म करने का निर्देश देना और गरीबों को उनके दरवाजे पर जाकर राशन वितरित करने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने व उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग शामिल है, जो चार महीनों से सरकार के काम में अड़ंगा लगा रहे हैं। आप सरकार का आरोप है कि प्रधानमंत्री के इशारे पर उपराज्यपाल प्रशानिक अधिकारियों को काम न करने को कहा है और कई योजनाओं की फाइल रोककर काम नहीं होने दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें लोकप्रिय सरकार को विफल दिखाना है।
Published on:
19 Jun 2018 08:35 am
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