
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ( AAP ) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ( Arvind kejriwal ) द्वारा तय की गई समय सीमा के बावजूद भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव ( Delhi Assembly Elections ) के लिए मुख्यमंत्री पद का अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है। समय सीमा बीत जाने के बाद अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ( Union Home Minister Amit Shah ) को बहस के लिए आमंत्रित किया है।
केजरीवाल ने मंगलवार को कहा था कि भाजपा अपना मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करे, ताकि वह आठ फरवरी के मतदान से पहले उससे बहस कर सकें। केजरीवाल ने मीडिया से कहा कि कल मैंने कहा था कि भाजपा अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार का नाम घोषित करे और मैं उससे बहस के लिए तैयार हूं। लेकिन उन्होंने किसी का नाम घोषित नहीं किया। इसका मतलब यह होता है कि उनके पास मुख्यमंत्री का कोई चेहरा ही नहीं है। मैं अब अमित शाह को बहस के लिए आमंत्रित करता हूं। मैं उनके साथ कहीं भी किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि एक लोकतंत्र में जनता के पास मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार होता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि लोग उम्मीदवारों के लिए नहीं, बल्कि केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट दे रहे हैं। लेकिन भाजपा ने किसी मुख्यमंत्री उम्मीदवार का नाम ही घोषित नहीं किया, इसका मतलब यह होता है कि भाजपा को वोट देना बेकार जाएगा। केजरीवाल ने कई प्रश्न गिनाए और कहा कि जनता ये सवाल पूछ रही है और भाजपा इन सवालों के उत्तर जनता को दे।
आप नेता ने कहा कि आप भाजपा कह रहे हैं कि जनता आपको राम मंदिर के लिए वोट दे, लेकिन इसके लिए तो जनता आपको लोकसभा में वोट दे चुकी है। केजरीवाल ने आगे कहा कि आपको जनता को बताना होगा कि वह भाजपा को क्यों वोट दे। जनता जानना चाहती है कि आप शाहीन बाग का रास्ता क्यों नहीं खुलवा पाए। आप उस इलाके के आम लोगों को क्यों परेशान कर रहे हैं? जनता आप से पूछ रही है कि आपने सिर्फ मुझे हराने के लिए इतने सारे नेताओं और पार्टियों को क्यों बुला लिया है? जनता पूछ रही है कि दिल्ली का यह बेटा आतंवादी कैसे है? दिल्ली में चारों ओर कचरा क्यों है? एमसीडी के स्कूल और अस्पताल बुरी हालत में क्यों हैं?"
केजरीवाल ने यह भी कहा कि यदि भाजपा अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर सकती, तो कम से कम वह इतना बता दे कि उसका मुख्यमंत्री पद का संभावित चेहरा कौन है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बहस बहुत महत्वपूर्ण है। यह भी मत कहिए कि आपका कोई कार्यकर्ता मुझसे बहस करेगा। इसका मतलब यह होगा कि आप लड़ाई के मैदान से भाग रहे हैं।
Updated on:
05 Feb 2020 03:36 pm
Published on:
05 Feb 2020 03:32 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
