
नई दिल्ली। दिल्ली की राजनीति ( Delhi Politics ) का चमकीला सूरज अस्त हो गया है। राजधानी की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित ( Delhi Former CM Sheila Dikshit ) ने 20 जुलाई को अंतिम सांस ली। आज उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। शीला दीक्षित दिल्लवासियों के दिल में तो बसीं ही थीं साथ ही उन्हें गांधी परिवार का करीबी भी माना जाता था।
गांधी परिवार ( Gandhi Family ) में यूं तो कई नेताओं ने अपनी दावेदीरी मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन शीला दीक्षित एक ऐसी नेता थीं जिन्होंने गांधी परिवार के हर वर्ग का दिल जीता।
सोनिया गांधी से लेकर राहुल और प्रियंका गांधी के भी करीब थीं शीला दीक्षित। लेकिन सबसे पहले दिन उन्होंने इंदिरा गांधी का जीता था।
विकास की राजनीति करने वाली शीला दीक्षित ने बदला दिल्ली का चेहरा
जलेबी और आईस्क्रीम से जीता दिल
शीला दीक्षित की गांधी परिवार में शामिल होने की कहानी भी बहुत दिलचस्प है। बात उन दिनों की है जब शीला की नई-नई शादी हुई थी। उनके ससुर उमा शंकर दीक्षित इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में गृह मंत्री हुआ करते थे।
लिहाजा उन्होंने इंदिरा गांधी को अपने घर खाने पर बुलाया। शीला दीक्षित ने उन्हें भोजन के बाद जलेबी और वनीला आईस्क्रीम परोसी। इंदिरा गांधी को शीला की मेहमान नवाजी खूब पसंद आई।
दूसरे ही दिन उन्होंने अपने रसोईए को शीला दीक्षित के घर भेजा और जलेबी बनाने की विधि समझी। इसके बाद तो इंदिरा गांधी कई बार उनके घर गईं और पारिवारिक रिश्ता बन गया।
राजीव गांधी ने दिया पहला मौका
आमतौर पर शीला दीक्षित को गांधी परिवार के नजदीक आने के पीछे सोनिया गांधी की पसंद बताया जाता है, लेकिन आपको बता दें कि शीला दीक्षित के काम से प्रभावित होकर सबसे पहला मौका उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दिया था।
जब राजीव गाँधी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने शीला दीक्षित को अपने मंत्रिमंडल में लिया पहले संसदीय कार्य मंत्री के रूप में और बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री के रूप में शीला दीक्षित को महत्वपूर्ण जगह दी गई।
10 जनपद बिना रोकटोक आना-जाना
शीला दीक्षित के गांधी परिवार से नजदीकियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 10 जनपथ में वे बिना किसी रोक-टोक के आ-जा सकती थीं।
सोनिया गांधी से मिलने के लिए उन्हें किसी की इजाजत नहीं लेनी पड़ती थी और ना ही कभी अलग से समय लेने की जरूरत पड़ी।
दिल्ली या आसपास की राजनीति में शीला दीक्षित जैसी दूसरी कोई नेता नहीं थी, वो हर छोटे-बड़े मुद्दे पर गांधी परिवार से संपर्क कर लेती थी और अपनी उपस्थिति दर्ज करवा देती थी।
शीला के जरिये परिवार तक पहुंच
कई बार पार्टी के दूसरे नेता शीला दीक्षित के माध्यम से गांधी परिवार तक अपने संदेश पहुंचवाया करते थे, यदि किसी के घर में कोई आयोजन होता था तो वो शीला दीक्षित के सहारे ही गांधी परिवार तक निमंत्रण देने के लिए पहुंच पाते थे।
पारिवारिक कार्यक्रम में मौजूदगी
शीला दीक्षित को भी प्रियंका गांधी के बच्चों के जन्मदिन और अन्य पारिवारिक कार्यक्रमों में देखा जाता था। सोनिया गांधी जब विदेश से इलाज कराकर वापस लौंटी तो शीला दीक्षित उनसे मिलने वालों में सबसे पहली महिला नेता थीं।
Updated on:
21 Jul 2019 01:52 pm
Published on:
21 Jul 2019 09:32 am
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