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पूर्वी दिल्ली सीट पर गंभीर और आतिशी की ‘पंफलेट पॉलिटिक्स’ हिट, क्या मतदान से पहले कांग्रेस हो गई क्लीन बोल्ड?

locationनई दिल्लीPublished: May 11, 2019 06:39:50 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

रविवार को लोकसभा के छठे चरण के लिए दिल्ली में मतदान।
पूर्वी दिल्ली सीट का मुकाबला हुआ बेहद दिलचस्प।
गौतम गंभीर और अतिशी के बयानों से कांग्रेस पार्टी की राजनीति पड़ी धुंधली!

lok sabha election

पूर्वी दिल्ली सीट पर गंभीर और आतिशी की ‘पम्पलेट पॉलिटिक्स’ हिट, क्या मतदान से पहले कांग्रेस हो गई क्लीन बोल्ड?

नई दिल्ली। दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों के लिए चुनावी बिसात बिछ चुकी है। शुक्रवार को प्रचार-प्रसार थम गया और रविवार को वोटिंग होगी। लेकिन, पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट ने पिछले दो दिनों से देश में धूम मचा दी है। मतदान से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी गौतम गंभीर ( gautam gambhir ) और आम आदमी पार्टी (AAP) की उम्मीदवार आतिशी ( Atishi ) के ‘पंफलेट पॉलिटिक्स’ से सियासी पारा अचानक हाई हो गया और दोनों जमकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। लेकिन, सबसे हैरत की बात यह है कि इस सीट से मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पूरी तरह से गायब नजर आ रही है। इस सीट पर न तो कांग्रेस ( Congress ) की धमक दिख रही है और न ही उसके प्रत्याशी अरविंदर सिंह लवली ( Arvinder Singh Lovely ) की चमक। कुल मिलाकर ऐसा माना जा रहा है कि इस सीट पर सीधा मुकाबला अब AAP और BJP के बीच हो गया है।
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bjp and aap
पूर्वी दिल्ली सीट का महामुकाबला

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से टिकट मिलते ही गौतम गंभीर अपने क्षेत्र में काफी एक्टिव हो गए। रोड शो के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन किया, ताबड़तोड़ रैलियां और सभाएं कर रहे हैं। लेकिन, गंभीर के निशाने पर हमेशा आप प्रत्याशी आतिश ही रहीं। उन्होंने कांग्रेस को कभी भी अपना प्रतिद्वंदी नहीं समझा। वहीं, आप प्रत्याशी आतिशी के निशाने पर भी गौतम गंभीर ही रहे। दोनों ने कभी भी कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद सिंह लवली को टारगेट नहीं किया। हालांकि, लवली के निशाने पर दोनों पार्टियों के उम्मीदवार रहे। कई बार लवली कह चुके हैं कि आप और बीजेपी दोनों के पास कोई विजन नहीं है। उनका यहां तक कहना है कि दोनों पार्टियों को क्षेत्र या दिल्ली के विकास से कोई वास्ता नहीं है और ना ही इनके पास विकास का कोई रोडमैप है। भाजपा और आप प्रत्याशी पर लवली बाहरी उम्मीदवार होने का आरोप भी लगा चुके हैं।
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मुकाबला त्रिकोणात्मक या आमने-सामने की टक्कर

शुरुआत में जब AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात चल रही थी तो ऐसा माना जा रहा था कि दिल्ली में एक बार फिर कांग्रेस धूम मचाने के लिए तैयार है। लेकिन, जब दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन नहीं हुआ और अलग-अलग प्रत्याशियों की घोषणा हुई तो दिल्ली की राजनीति ने अचानक करवट ली। कुछ सीटों पर कांग्रेस की चमक बनी और मामला त्रिकोणात्मक हो गया। लेकिन, कुछ सीटों पर चुनाव से पहले ही कांग्रेस गायब होने लगी और मुकाबला AAP और बीजेपी के बीच नजर आने लगा है। पूर्व दिल्ली लोकसभा सीट का मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है, क्योंकि यहां गौतम गंभीर और आतिशी अपने बयानों के कारण काफी सुर्खियों में हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा यह है कि इस सीट पर भाजपा और AAP आमने सामने है। हालांकि, भाजपा कहना है कि इस सीट पर अभी कांग्रेस मुकाबले में है। भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम जाजू ने पत्रिका डॉट कॉम से बातचीत के दौरान बताया कि आप ओछी राजनीति कर मुकाबले में आने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जीत के लिए आप नेता अलग-अलग हथकंडे अपना रही है। इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणात्मक है और कांग्रेस पार्टी दूसरे स्थान पर रहेगी। उन्होंने कहा कि आप का कोई अस्तित्व नहीं है और वह तीसरे स्थान पर रहेगी। वहीं, कांग्रेस भाजपा के इस बयान से इत्तेफाक नहीं रखती। कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने पत्रिका को बताया कि भाजपा और आप दोनों मुकाबले में नहीं हैं और बौखलाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि पर्चे के बहाने दोनों पार्टियों के नेता लोगों के गुमराह कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा यहां कहीं मुकाबले में नहीं और फाइट कांग्रेस-आप के बीच है। उन्होंने कहा कि अरविंदर सिंह लवली इस सीट से आगे निकल रहे हैं। इस मामले में हमनें आम आदमी पार्टी के भी कई नेताओं से बातचीत करने की कोशिश की लेकिन कोई इस मामले पर बात करने को तैयार नहीं हुआ।
बहरहाल, राजनीति का नियम है कि जीत का दावा तो सभी पार्टियां और नेता करते ही हैं। लेकिन, वास्तविकता चुनाव परिणाम तय करता है। लेकिन, जैसा माहौल इस सीट पर बना हुआ है ऐसे में कांग्रेस की राजनीति यहां धुंधली पड़ती जा रही है और मुकाबला AAP और भाजपा के बीच नजर आ रहा है। अागामी 23 मई को यह तय हो जाएगा कि मुकाबला किसके बीच था और जनता ने किसे पसंद किया।
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