
गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पीएम मोदी ( Narendra Modi ) का रिकॉर्ड पर्यावरण को लेकर खराब रहा है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) की नेतृत्व वाली सरकार पर्यावरण ( Environment ) की उपेक्षा को लेकर विपक्षी नेताओं ( Opposition leaders ) से लेकर गैर सरकारी संगठनों ( NGO ) की आलोचना का शिकार हो चुकी है। अब मोदी सरकार ( Modi Government ) पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Congress President ) ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण ( Environment protection ) के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी चाहे गुजरात के सीएम रहें या अब देश के पीएम, उनका रिकॉर्ड सबसे ज्यादा खराब है।
इस बार सोनिया गांधी ने मोदी सरकार ( Modi Government) की ओर से लाए गए पर्यावरण प्रभाव आकलन ( EIA-2000 Draft ) मसौदे को लेकर एक अंग्रेजी अखबार में लिखे अपने लेख में केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। सोनिया गांधी ने कहा है कि बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पीएम मोदी (Narendra Modi ) का रिकॉर्ड पर्यावरण को लेकर खराब रहा है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हम लोगों की ओर से प्रकृति की रक्षा करना अहम है। पीएम मोदी ( PM Modi ) को इस मसौदे पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब आप प्रकृति की रक्षा करेंगे तभी प्रकृति भी आपकी रक्षा करती है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में फैली कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) भी हमें नई सीख दे रही है। ऐसे में हमारा यही फर्ज है कि हम प्रकृति की रक्षा करें। चाहे कोयला खदानों का मामला हो या फिर EIA सरकार की ओर से किसी की भी राय नहीं ली जा रही है। सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि देश ने विकास की रेस में आगे बढ़ने के लिए पर्यावरण की बलि दी है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस सरकार का रिकॉर्ड पिछले 6 साल से ही ऐसा रहा है, जिसमें पर्यावरण की रक्षा करने को लेकर कोई विचार नहीं है। हमारा देश मौजूदा समय में दुनिया में इस मामले में काफी पीछे है। सरकार को इस पर विचार करने की जरूरत थी लेकिन इसकी अनदेखी हो रही है।
सरकार को इसे लाने से पहले इसके लिए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए थी।
इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) भी पर्यावरण प्रभाव आकलन ( ईआईए ) के मसौदे को लेकर सरकार पर निशाना साधा चुके हैं। उन्होंने कहा है कि ईआईए-2020 मसौदा वापस लेना चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि ईआईए-2020 के मसौदे का मकसद देश संसाधनों की लूट है।
Updated on:
13 Aug 2020 03:54 pm
Published on:
13 Aug 2020 01:48 pm
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