
राजस्थान में बिजली का बिल और बढ़ सकता है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान यह संकेत दिए। एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में महंगी बिजली खरीद, विद्युत कटौती, घटिया व महंगा कोयला खरीद के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर जमकर बरसे।
नागर ने कहा कि इसी कारण फ्यूल सरचार्ज लगाना पड़ा है। हालात यह है कि अब भी एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। हो सकता है कि इसका भार भी आगामी दिनों में फिर फ्यूल सरचार्ज के रूप में आए। इसके लिए हमें राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग में जाना पड़ सकता है। इसकी जिम्मेदार पिछली कांग्रेस सरकार की ही होगी।
उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन के चलते बिजली उत्पादन की कीमत बढ़ गई हैं। अब हम दीर्घकालीन योजना बनाकर प्रदेश को बिजली में सरप्लस बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
मंत्री नागर ने कहा कि राजस्थान सरकार ने बिजली कंपनियों को घाटा अपने पास लेकर 2607 करोड़ के लाभ में छोड़ा था। कांग्रेस सरकार ने जाते समय घाटा 1.39 लाख करोड़ कर दिया। लोन का पैसा समय पर नहीं चुकाने से 300 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगी। बिजली कंपनियों को दिवालियापन की कगार पर पहुंचा दिया।
थर्मल इकाईयां, सोलर प्रोजक्ट्स के लिए ऊर्जा विभाग, बिजली कंपनियों और केन्द्र सरकार के उपक्रमों के बीच 1.60 लाख करोड़ रुपए के एमओयू हुए थे। राज्य की बिजली कंपनियों की हिस्सदारी 26 प्रतिशत और केंद्र सरकार के उपक्रमों की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत होगी।
-पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कारण बिजली बिल बढा तो भाजपा सरकार में फिक्स चार्ज क्यों बढ़ाया गया?
-चौबीस घंटे में बिजली कनेक्शन देने के आदेश की हकीकत क्या है?
-फ्री बिजली योजना में नए कनेक्शधारियों को क्यों नहीं जोड़ रहे?
-कांग्रेस सरकार की कई योजना बंद की या बदली, तो फिर फ्री बिजली क्यों चला रहे?
Updated on:
07 Aug 2024 08:36 am
Published on:
06 Aug 2024 09:23 am
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