
Farmers came out in against the Punjab CHANNI government
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद में विधेयक पास कर तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया है। इसके बाद करीब एक साल से कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अब घर वापस लौट गए हैं, लेकिन घर वापसी के बाद अब पंजाब के किसानों ने राज्य की चन्नी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, पंजाब में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में किसान संगठन चन्नी सरकार से 2017 के चुनाव में किसानों से किए गए वादों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं। किसान संगठनों का कहना है कि पंजाब चुनाव से पहले कांग्रेस ने किसानों से कई वादे किए थे। सरकार के 5 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन किसानों से किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं।
वादे पूरे करे पंजाब सरकार
किसान संगठनों का कहना है कि सरकार ने किसानों से गरीबी और कर्ज के चलते आत्महत्या करने वाले अन्नदाताओं के परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया था। इसके साथ ही कांग्रेस ने कर्जमाफी, किसानों को नौकरी देने जैसे कई वादे किए थे, जिन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है।
किसानों का आरोप, ड्रामा कर रही है सरकार
अपनी इन मांगों को लेकर किसानों ने पंजाब की चन्नी सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। किसानों का कहना है कि कांग्रेस ने किसानों से वोट लेने के लिए झूठे वादे किए थे। इसके साथ ही किसानों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया है। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल का कहना है कि अब वह सीएम चन्नी की बुलाई किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे। सरकार किसानों के साथ नहीं है, सिर्फ ड्रामा कर रही है।
सरकार ने बदली मीटिंग की तारीख
बता दें कि पंजाब सीएम ने राज्य के किसानों से उनकी समस्याओं पर बात करने के लिए 17 दिसंबर को एक बैठक बुलाई थी। हालांकि बाद में इस बैठक की तारीख बदल दी गई। वहीं सरकार ने बैठक की तारीख बदलने पर सफाई देते हुए कहा कि कुछ जत्थेबंदियां बैठक में शामिल नहीं हो सकती थी, इसलिए इस मीटिंग शिफ्ट किया गया है। इस पर किसान नेताओं ने आपत्ति जताई है और अब बैठक में शामिल न होने का ऐलान कर दिया है।
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गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनाव को कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले ही कांग्रेस पंजाब अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सरकार पर हमलावर हैं। वो आए दिन सरकार और कांग्रेस को जिम्मेदारी छोड़ने की चेतावनी देते रहते हैं। ऐसे में किसानों की मोर्चेबंदी से पंजाब सरकार की मुश्किलें बढ़ना तय हैं।
Published on:
15 Dec 2021 07:01 pm
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