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Himachal Pradesh assembly election 2022: BJP के लिए विधानसभा से पहले शिमला नगर निगम चुनाव क्यों हुआ महत्वपूर्ण?

Himachal Pradesh assembly election 2022: भारतीय जनता पार्टी के लिए हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले शिमला नगर निगम का चुनाव जीतना भी जरूरी है। 2017 में पार्टी पहले नगर निगम और बाद में विधानसभा चुनाव भी जीतने में सफल रही थी। इस बार 2022 में भी बीजेपी ने दोनों चुनावों में सफलता हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा दी है।

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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा।

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में सत्ता का सेमीफाइनल माने जा रहे शिमला नगर निगम चुनाव को फिर से जीतने के लिए ताकत झोंक दी है। 2017 में तीन दशक के लंबे इंतजार के बाद निगम की सत्ता हासिल करने वाली भाजपा की तरफ से चुनावी बिसात बिछाने की कमान खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संभाली है। निगम के चुनाव मई -जून में प्रस्तावित हैं। निगम चुनाव को भाजपा काफी महत्वपूर्ण मान रही है। क्योंकि इस चुनाव में जीत से विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी को मनोवैज्ञानिक लाभ होगा।

जेपी नड्डा ने लिया फीडबैक

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने रविवार को शिमला दौरे के दौरान नगर निगम के पाषर्दों और वर्ष 2017 के भाजपा प्रत्याशियों के साथ अहम बैठक कर चुनाव की रणनीति बनाई। जेपी नड्डा ने शिमला नगर निगम के सभी वार्डों में घर घर जनसंपर्क पर जोर दिया। उन्होंने सभी पदाधिकारियों से नगर निगम चुनाव को लेकर फीडबैक लिया। बैठक में उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह, प्रभारी अविनाश राय खन्ना, सह प्रभारी संजय टंडन, संगठन मंत्री पवन राणा, कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज आदि मौजूद रहे।

वार्डों की संख्या बढ़ी
वर्ष 1968 में शिमला नगर निगम में पहली बार 10 वार्डों के लिए चुनाव हुए थे। वर्ष 1997 में वार्डों की संख्या को बढ़ाकर 25 किया गया। इसके दो दशक बाद वर्ष 2017 में फिर से वार्डो की संख्या बढ़ाकर 34 की गई। इस बार 2022 में फिर वार्डों की संख्या बढ़कर 34 से 41 हो चुकी है। 2017 के नगर निगम चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने 34 में से 17 सीटें जीतीं थीं। 2017 से पूर्व शिमला नगर निगम में 26 साल तक कांग्रेस और 5 साल तक माकपा का शासन रहा। 2017 में नगर निगम के बाद विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को सफलता हासिल हुई थी। भाजपा एक बार फिर 2022 में निगम और विधानसभा दोनों चुनावों में जीत का परचम लहराने के लिए रणनीति बनाने में जुटी है।