आपको बता दें कि सुषमा स्वराज ने कहा कि जब मैं पहली जनसभा में बात कर के मंच से नीचे उतरी तो वहां के कार्यकर्तांओं ने इकट्ठे हो कर घेर कर लगभग एक ही बात कही कि दीदी एक ही मांग है आपसे बुधनी इंदौर रेल चला दो और कुछ नहीं चाहिए। मैंने कहा था कि जरूर चलवाऊंगी। तब 2009 से मैं लगी हुई थी कि यह बुधनी-इंदौर रेल लाइन स्वीकृत हो जाए। 2012 में इसका सर्वे स्वीकृत हुआ और 2016-17 में इसके लिए बजट का प्रावधान किया गया। लेकिन मैं कोटिशः धन्यवाद देती हूं अपनी ओर से और बुधनी के लोगों की ओर से खातेगांव विधानसभा के लोगों की ओर से जहां से यह रेल लाइन गुजरेगी कि व्यक्तिगत रुचि ले कर और अपना आशिर्वाद दे कर कल प्रधानमंत्री ने यह लाइन स्वीकृत करवा दी। मेरे लिए जैसे मैंने कहा कि शब्द नहीं हैं धन्यवाद करने के लिए और मेरे हर्ष की सीमा नहीं है। इस चीज का प्रमाण मुझे क्षेत्र में मिल रहा है। लोक आतिशबाजी कर रहे हैं, जुलूस निकाल रहे हैं और मिठाई बांट रहे हैं। मेरा फोन लगातार बज रहा है। बधाई में उन्हें देती हूं। एक जनप्रतिनिधि को वचनपूर्ति से ज्यादा खुशी और किसी चीज में नहीं होती। जनता के बीच में किया गया वादा पूरा हो जाए तो सबसे बड़ी उपलब्धि जन प्रतिनिधि के लिए वही है और उसी उपलब्धि का एहसास आज मुझे प्रसन्नता दिला रहा है।