scriptकर्नाटक में बैंक कर्मचारियों को निर्देश, कन्नड़ सीखो या नौकरी छोड़ो | Instructions to bank employees in Karnataka learn Kannada or quit job | Patrika News

कर्नाटक में बैंक कर्मचारियों को निर्देश, कन्नड़ सीखो या नौकरी छोड़ो

Published: Aug 08, 2017 02:16:00 pm

Submitted by:

kundan pandey

केडीए ने राष्ट्रीयकृत, ग्रामीण और अनुसूचित बैंकों के क्षेत्रीय प्रमुखों को सभी कर्मचारियों को कन्नड़ भाषा सीखने का निर्देश देने को कहा है।

Bank_staff_in_karnataka

Bank_staff_in_karnataka

बेंगलूरु। कन्नड़ विकास प्राधिकरण (केडीए) ने सोमवार को राष्ट्रीयकृत, ग्रामीण और अनुसूचित बैंकों के क्षेत्रीय प्रमुखों को अपने सभी कर्मचारियों को अनिवार्य रुप से कन्नड़ भाषा सीखने का निर्देश देने को कहा है। गैर-कन्नड़ भाषी कर्मचारियों को अगले छह महीने के अंदर कन्नड़ भाषा सीखने को कहा गया है। बैंकों को जारी किए गए एक आदेश में, केडीए के अध्यक्ष एसजी सिद्धारमैया ने कहा, अगर कर्मचारी छह महीने में कन्नड़ सीखने में नाकाम रहे, तो भर्ती नियमों के अनुसार उन्हें उनकी सेवाओं से मुक्त किया जाना चाहिए।
सभी विज्ञापनों में तीन-भाषा सूत्र का पालन करें बैंक
प्राधिकरण ने कहा कि कन्नड़ भाषा को उत्तर भारत में हिंदी भाषा की तरह सभी तरह की बैंक शाखाओं में अनिवार्य किया जाना चाहिए। कई बैंकों में स्थानीय भाषा को लागू करने में इच्छा की कमी देखी गई है। स्थानीय भाषा को उचित सम्मान नहीं देने से भविष्य में समस्या हो सकती है। आपातकालीन स्थिति में बैंकों को समस्या आ सकती है। यह भी कहा गया कि बैंकों को अपने सभी विज्ञापनों में तीन-भाषा सूत्र का पालन करना चाहिए। कन्नड़ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एसजी सिद्धारमैया ने कहा कि वह कन्नड़ भाषा के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए बैंकों के पास जाएंगे। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक बैंकों ने कहा है कि उन्हें अभी तक कन्नड़ विकास प्राधिकरण का आदेश नहीं प्राप्त हुआ है।
कर्नाटक के अलग झंडे की मांग खारिज
इससे पहले कर्नाटक में राज्य के अलग झंडे के लिए मांग उठी थी।
आजाद भारत में पहली बार किसी राज्य ने अलग झंडे की मांग की है। जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर कर्नाटक में यह मांग उठी है। कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने 9 लोगों की एक कमेटी तैयार की है जो झंडे का डिजाइन तैयार करेगी। केंद्र सरकार ने राज्य की इस मांग को खारिज कर दिया है। केंद्रीय मंत्री सदानंद गौडा ने कहा कि भारत एक राष्ट्र है, इसके दो झंडे नहीं हो सकते। कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया है। कर्नाटक में अलग झंडे की मांग खारिज होने के बाद अब हिन्दी भाषा को लेकर तनाव बनने लगा है। दरअसल, कर्नाटक रक्षणा संगठन के सदस्यों ने बेंगलुरू मेट्रो स्टेशनों पर लगे हिंदी साइन बोर्ड को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके विरोध में कर्नाटक रक्षणा वैदिक संगठन के सदस्यों ने बेंगलूरु के यशवंतपुर, इंदिरानगर और दीपांजलि मेट्रो स्टेशन के साइन बोर्ड पर हिंदी में लिखे नाम पर कालिख पोत कर नाम को मिटा दिया। वहीं, इंदिरानगर मेट्रो स्टेशन पर इन कार्यकर्ताओं ने हिंदी साइनबोर्ड पर प्लास्टर लगा दिया।

ट्रेंडिंग वीडियो