
Farooq Abdullah बीजेपी नेतृत्व पर लगाया विकास से मुंह मोड़ने का आरोप।
नई दिल्ली। करीब एक साल पहले जम्मू-कश्मीर ( jammu-Kashmir ) से विशेष दर्जा ( Special Status ) केंद्र सरकार ( Central Government ) ने समाप्त कर दिया था। इसके एक साल पूरे होने से दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ( Former Chief Minister Farooq Abdullah ) ने बड़ा सियासी बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद भी केंद्र शासित प्रदेश का विकास ( Development ) नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि विकास को दूर की बात है केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से आतंक का खात्मा भी नहीं कर पाई। जैसा कि धारा-370 ( Article-370 ) को समाप्त करने के समय नई दिल्ली के कुछ नेताओं ने दावा किया था। दरअसल, उनका मकसद न तो आतंकवाद खत्म करना है न ही विकास करना। वह केवल जम्मू-कश्मीर के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।
फारूक अब्दुल्ला ने तो यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान के अपहरण ( Indian Airlines plane hijack ) और उसके बाद पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed ) के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर ( Maulana Masood Azhar ) की रिहाई से कोई सबक नहीं लिया।
आज भी बीजेपी के नेताओं को लगता है कि वे बुद्धिमानों से भी बुद्धिमान हैं, जो देश का दुर्भाग्य है। ये बात एपिलोग न्यूज नेटवर्क द्वारा आयोजित एक वेबिनार में में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुलला ने कही।
उन्होंने कहा कि दर्जा समाप्ति की घोषणा एक दिन राज्यसभा से और दूसरे दिन लोकसभा से पारित कराया गया था। इस दौरान सरकार ने संसद में कहा कि कश्मीर अब भारत का हिस्सा होगा।उन्होंने कहा कि हम तिरंगा थामे हुए हमेशा से भारत का हिस्सा थे।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के इस बयान का बीजेपी नेता एवं पूर्व मंत्री प्रिया सेठी और पूर्व विधान पार्षद सुरिंदर अंबरदार ने खुलकर विरोध किया है। दोनो नेताओं ने कहा है कि समग्र विकास ( Complete development ) के लिए धारा-370 ( Article-370 ) को रद्द करना जरूरी था।
प्रिया सेठी ने कहा कि लाभ का आकलन करने के लिए एक साल बहुत कम समय है। हमें कुछ वक्त दीजिए और आपको खुद परिणाम दिखेगा। वहीं अंबरदार ने कहा कि अनुच्छेद-370 दो राष्ट्र वाले सिद्धांत को जारी रखने वाला था जिसने 1947 में पाकिस्तान को जन्म दिया। बीजेपी के इन नेताओं ने कहा कि एक साल के दौरान कठुआ-बनिहाल रेल लिंक तथा करगिल और कश्मीर घाटी को जोड़ने वाली सुरंग बनकर तैयार हुआ।
Updated on:
03 Aug 2020 04:02 pm
Published on:
03 Aug 2020 03:43 pm
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