भंग हुई जम्मू कश्मीर विधानसभा राज्य में बीजेपी के समर्थन वापस लेने से पीडीपी से गठबंधन वाली महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई। कोई दूसरा विकल्प न होने के कारण राज्यपाल शासन लागू हो गया। इसके अगले ही दिन राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने विधानसभा को निलंबित कर दिया । जम्मू एवं कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू करने के बाद वोहरा ने संविधान के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया। राज्य में 6 साल चलने वाले विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्म होना था।
19 मई टूटा बीजेपी-पीडीपी गठबंधन बता दें कि बीजेपी ने 19 मई को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठबंधन समाप्त कर दिया और पीडीपी की अगुवाई वाली जम्मू एवं कश्मीर सरकार से इस्तीफा दे दिया। बीजेपी ने घाटी में आतंकवादी गतिविधियों व कट्टरवाद की बढ़ोतरी का हवाला देते हुए कहा कि गठबंधन में बने रहना मुश्किल हो गया था। जल्दबाजी में बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी ने अचानक इस फैसले की घोषणा की। बीजेपी महासचिव राम माधव ने कहा कि उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता व अन्य नौ मंत्रियों ने राज्यपाल एन.एन.वोहरा व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
जम्मू कश्मीर में किसके पास कितनी सीटें पीडीपी और बीजेपी ने दिसंबर 2014 के चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में दो महीने से ज्यादा समय बाद गठबंधन सरकार का गठन किया था। जम्मू एवं कश्मीर की 89 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी को 25 व पीडीपी को 28 सीटें मिलीं थीं, जबकि नेशनल कांफ्रेस को 15 व कांग्रेस 12 सीटों पर जीत मिली थी। पीडीपी-बीजेपी सरकार एक मार्च, 2015 को सत्ता में आई थी।