14 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सुपरस्टार रजनीकांत को कुमारस्वामी का न्योता, कावेरी विवाद को लेकर कही ये बात

जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने अभिनेता से नेता बने रजनीकांत को कर्नाटक आने का न्योता दिया है।

2 min read
Google source verification
rajni

सुपरस्टार रजनीकांत को कुमारस्वामी का न्योता, कावेरी विवाद को लेकर कही ये बात

बेंगलुरू। बुधवार को जेडीएस नेता कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं। इससे पहले कुमारस्वामी ने सुपरस्टार अभिनेता रजनीकांत को कर्नाटक आकर बांध की स्थिति देखने का न्योता दिया है। नई सरकार से तमिलनाडु के लिए पानी छोड़े जाने की रजनीकांत की मांग पर मीडिया के पूछे सवाल पर कुमारास्वामी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "रजनीकांत हमारे राज्य के हैं। मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वो आएं और यहां कावेरी के जलाशय पर नजर डालें"। उन्होंने कहा कि, 'मैं रजनीकांत से अनुरोध करता हूं कि वह कर्नाटक आएं और यहां आकर हमारे बांधों की स्थिति देखें। वह कर्नाटक आकर देखें कि यहां हमारे किसानों के साथ क्या हो रहा है। मुझे विश्वास है कि कर्नाटक की स्थिति देखने के बाद रजनीकांत अपना रुख बदल देंगे।' गौरतलब है कि रजनीकांत ने रविवार को रजनी मक्कल मंदरम (रजनी पीपुल्स फोरम) की महिला इकाई के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि कावेरी मुद्दे पर कर्नाटक में उच्चतम न्यायालय के फैसले को हूबहू लागू किया जाना चाहिए । कर्नाटक के चुनावी रण के बीच सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना को मंजूरी दी थी। प्राधिकरण दोनों राज्यों के बीच पानी के बंटवारे की निगरानी करेगा।

कर्नाटक किंग कुमारस्‍वामी, राहुल से 3 बजे और सोनिया से 4 बजे करेंगे दो टूक बात

क्या है कावेरी विवाद?

कावेरी कर्नाटक के तालकावेरी कोडगु से निकलती है, जो प्रसिद्ध वेस्टर्न घाट में स्थित है। कर्नाटक के पहाड़ी क्षेत्र से उतरकर यह नदी केरल और तमिलनाडु में प्रवेश करती है और पुडुचेरी से होकर बंगाल की खाड़ी में मिलती है। कावेरी विवाद केवल तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच नहीं है, इसमें केरल और पुदुचेरी भी शामिल हैं। केरल की सहायक नदियां कावेरी को एक बड़ी नदी बनाने में अहम् भूमिका निभाती हैं। पुडुचेरी से होते हुए कावेरी बंगाल की खाड़ी में मिलती है। यही कारण है कि ये दोनों राज्य भी कावेरी जल में अपनी अधिक से अधिक हिस्‍सेदारी की मांग करते हैं। दोनों राज्यों में इस विवाद का इतिहास करीब सवा सौ साल पुराना है। कावेरी जल विवाद मुख्य रूप से कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच है। दोनों राज्य पानी के बंटवारे के लिए आपस में कई सालों से लड़ रहे हैं। चूंकि कावेरी बेसिन में केरल और पुद्दुचेरी के कुछ इलाके भी शामिल हैं इसलिए इस विवाद में ये राज्य भी कूद गए हैं। बता दें कि कावेरी नदी का उद्गम स्थल कर्नाटक के कोडागु जिले में है। साढ़े सात सौ किलोमीटर लंबी ये नदी कुशालनगर, मैसूर, श्रीरंगापटना, त्रिरुचिरापल्ली, तंजावुर और मइलादुथुरई जैसे शहरों से गुजरती हुई तमिलनाडु के बंगाल की खाड़ी में गिरती है।