12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कर्नाटक में कांग्रेस के तीन रणबांकुरे, जिन्होंने कर दिया येदियुरप्पा सरकार का तख्तापलट

कर्नाटक के सियासी किले को फतेह करने का श्रेय कांग्रेस के तीन नेताओं गुलाम नबी आजाद, अभिषेक मनु सिंघवी और अशोक गहलोत का जा रहा है।

2 min read
Google source verification

image

Mohit sharma

May 20, 2018

karnatak congress

कर्नाटक में कांग्रेस के तीन रणबांकुरे, जिन्होंने कर दिया येदियुरप्पा सरकार का तख्तापलट

बेंगलूरु। कर्नाटक में शक्ति परीक्षण के दौरान बहुमत साबित न होता देख येदियुरप्पा ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद येदियुरप्पा केवल 2 दिन के लिए ही सीएम रहे। वहीं, दूसरी ओर कर्नाटक के सियासी किले को फतेह करने का श्रेय कांग्रेस के तीन नेताओं गुलाम नबी आजाद, अभिषेक मनु सिंघवी और अशोक गहलोत का जा रहा है। कांग्रेस के ये तीनों वरिष्ठ नेता 'थ्री मस्कीटियर्स' के रूप में चर्चित हो रहे हैं।

येदियुरप्पा के इस्तीफे से याद आया अटल का 22 साल पुराना भाषण, कही थी यह बात

ऐसे हुआ रास्ता साफ

दरअसल, 15 मई को विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद ही कांग्रेस कर्नाटक को लेकर एक्टिव हो गई थी। यह कांग्रेस की सक्रियता का ही नतीजा है कि कांग्रेस हाईकमान ने गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत को कर्नाटक के लिए रवाना कर दिया था। हाईकमान के निर्देशानुसार इन नेताओं को कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनाए जाने की भूमिका तैयार करनी थी। चुनाव परिणाम के बाद जैसे ही राज्य में त्रिशंकु जनादेश की स्थिति साफ हुई, वैसे ही कांग्रेस ये नेता अपनी फुल फॉर्म में आ गए और इन्होंने बिना देरी लगाए जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी से संपर्क साधा। यही नहीं जेडीएस के साथ गठबंधन में कुमारस्वामी को सीएम पद आॅफर कर इन नेताओं ने राज्य में कांग्रेस की सरकार का रास्ता भी तैयार किया।

गर्मी से जल्द मिलेगी राहत, समय से 3 दिन पहले 29 मई को पहुंच रहा मानसून

इस नेता ने भी निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

इन नेताओं की वास्तव में अग्नि परीक्षा तब शुरू हुई, जब कांग्रेस के 2 विधायक भाजपा के संपर्क में आ गए। ऐसे में इन नेताओं ने कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार के साथ मिलकर न केवल अपने विधायकों को टूटने से बचाया, बल्कि भाजपा के मंसूबों पर भी पानी फेर दिया। वहीं, येदियुरप्पा सरकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दखल में कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी की महत्वपूर्ण भूमिका निकल कर आई। राजनीतिक जानकारों की मानें तो यह सिंघवी का ही प्रयास था कि कोर्ट ने येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने का समय कम कर दिया।