
नई दिल्ली। कर्नाटक की सियासत में उस वक्त बड़ा मोड़ आ गया जब, विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने 14 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया। इसके बाद विधानसभा में बीजेपी के लिए Floor Test पास करना आसान हो गया। इस फैसले के खिलाफ विधायक सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि वे स्पीकर की बनाई हुई स्क्रिप्ट के शिकार हुए हैं।
हमारा सियासी इस्तेमाल हुआ: अयोग्य विधायक
स्पीकर द्वारा अयोग्य करार दिए जाने के बाद कुल 17 विधायक अब 2023 तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बागी विधायकों ने कहा कि उन्हें बीजेपी की ओर से बड़े-बड़े सपने दिखाए गए थे। उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद देने का वादा किया गया था, लेकिन सियासी इस्तेमाल के बाद स्पीकर ने उन सभी को अयोग्य घोषित कर दिया। जिसकी वजह से उनकी सदस्यता भी खत्म हो गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलेगा राज
बताया जा रहा है कि कांग्रेस-जेडीएस के कुछ बागी विधायक इस पूरे सियासी खेल का खुलासा करने की योजना बना रहे हैं। अगले हफ्ते ये विधायक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस और बीजेपी की धोखाधड़ी जनता के बीच लाएंगे। विधायक बताएंगे कि उन्होंने किस परिस्थितियों में इस्तीफा दिया और इसके बाद होटल-रिजॉर्ट में उनके साथ क्या हुआ।
फ्लोर टेस्ट से पहले अयोग्यता की वार
बता दें कि कर्नाटक विधानसभा में येदियुरप्पा सरकार के विश्वास मत से ठीक एक दिन पहले स्पीकर केआर रमेश कुमार ने बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने एक साथ 14 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया। इसमें कांग्रेस के 11 और जनता दल-सेकुलर (जद-एस) के तीन विधायक शामिल हैं। वहीं तीन विधायकों को पहले ही अयोग्य घोषित किया जा चुका है।
Updated on:
29 Jul 2019 09:21 am
Published on:
29 Jul 2019 09:10 am
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