
कर्नाटकः मंत्रीजी को छोटी सरकारी गाड़ी नहीं बल्कि बड़ी फॉर्च्यूनर चाहिए
बेंगलुरु। कर्नाटक के मंत्री बीजेड ज़मीर अहमद खान ने बृहस्पतिवार को एक नए विवाद को जन्म दे दिया। उन्होंने अपनी आधिकारिक कार के रूप में मिलने वाली इनोवा की जगह महंगी फॉर्च्यूनर एसयूवी पाने की मांग रख दी। राज्य की 37 वाहनों की सूची में केवल दो फॉर्च्यूनर ही हैं। एक फॉर्च्यूनर की कीमत इनोवा से तकरीबन दोगुनी होती है और इन्हें पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तेमाल के लिए ही आरक्षित रखा गया था। लेकिन ज़मीर अहमद खान की इस मांग ने विपक्षी दल यानी भाजपा को आलोचना का एक मुद्दा दे दिया है।
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर की पार्टी के ज़मीर अहमद खान ने कांग्रेस को पीछे करते हुए मंत्री पद पाया और अब उनका कहना है कि वो छोटी इनोवा की बजाय ऊंची गाड़ी में खुद को ज्यादा आरामदायक पाते हैं। मीडिया को दिए बयान में उन्होंने कहा, "मैं बचपन से ही बड़ी कारों में सफर करता आया हूं। मुझे इनोवा इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है। मुझे यह आरामदायक नहीं लगती क्योंकि मैं हमेशा से बड़ी (ऊंची) कारों में सफर करता रहा हूं... इनोवा छोटे स्तर की है।"
जब खान से पूछा गया कि वे क्यों मुख्यमंत्री की ही तरह उदाहरण पेश करते हुए अपनी निजी कार इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो केंद्रीय बेंगलुरु के चमरापेट से तीसरी बार विधायक बनने वाले खान ने कहा कि वे चाहते हैं कि लोग जानें कि वे एक मंत्री थे। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को किसी परिचय की जरूरत नहीं... वो बहुत मशहूर हैं। अगर मैं एक साधारण कार से जाऊंगा, तो क्या लोग मुझे पहचानेंगे? अगर मैं मंत्री (सरकारी) की कार से जाऊंगा, तो वो लोग कहेंगे कि देखो मंत्रीजी जा रहे हैं।"
एक परिवहन कंपनी में का साझा मालिकाना अधिकार रखने वाले 48 वर्षीय ज़मीर अहमद खान को इस बयान के बाद खासी आलोचना का सामना करना पड़ा। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एस प्रकाश ने इस संबंध में एक टेलीविजन चैनल से कहा, "उनके पास 100 से ज्यादा लग्जरी बसें हैं। वहीं, कुमारस्वामी मितव्ययता के तरीके लागू करना चाहते हैं। मंत्रीजी को चाहिए कि वे अपनी लग्जरी कम करें।"
दूसरी तरफ, कांग्रेस के विधायक सैयद नसीर हुसैन ने ऩजीर अहमद खान का बचाव करते हुए तर्क दिया कि अगर मंत्रीजी किसी विशेष वाहन की मांग कर रहे हैं, तो इसमें कुछ गलत नहीं। उन्होंने कहा, "अपनी इच्छा जाहिर करने में क्या बुराई है? अगर किसी मंत्री को एक कार में आराम नहीं मिलता, तो वो दूसरी की मांग क्यों नहीं कर सकता?"
गौरतलब है कि कुमारस्वामी ने राज्य के आधिकारिक काफिले में 37 कारों की ही सीमा रखी हुई है। जबकि वह आधिकारिक कार्यों के लिए निजी रेंज रोवर इस्तेमाल करते हैं।
Published on:
21 Jun 2018 09:33 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
