
नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार के गिरे तीन दिन हो चुके हैं लेकिन नई Karnataka government को लेकर अनिश्चितता बरकरार है। जिन 16 बागी विधायकों की वजह से HD kumarswamy को सत्ता से बाहर होना पड़ा था, उनके इस्तीफे पर विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार अब तक फैसला नहीं ले पाए हैं। बहुमत का दावा करने वाली Bharatiya Janata Party भी सियासी हलचल के बीच सरकार नहीं बनाना चाहती। अब चर्चा है कि कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन ( President's Rule in Karnataka ) लग सकता है।
राज्यपाल कर सकते हैं राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा: BJP
बीजेपी प्रवक्ता जी मधुसूदन ने कहा कि अगर स्पीकर बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करने या खारिज करने में ज्यादा समय लेते हैं, तो राज्यपाल वजुभाई वाला कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो हम सरकार बनाने के लिए अभी दावा करना पसंद नहीं करेंगे।
बागियों पर कोर्ट का फैसला
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई के आदेश में कहा था कि विधानसभा स्पीकर दल-बदल विरोधी कानून के अनुसार बागियों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। साथ ही बागियों को सदन में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
व्हिप पर अबतक घमासान
दरअसल कांग्रेस और जनता दल-सेक्यूलर ( JDS ) ने फ्लोर टेस्ट के लिए अपने सभी विधायकों का व्हिप जारी किया था। लेकिन कोर्ट के आदेश का फायदा उठाते हुए बागी विधायक सदन नहीं पहुंचे। अब व्हिप की उपेक्षा को लेकर दोनों दलों ने स्पीकर से बागी विधायकों को अयोग्य करार देने की सिफारिश की है।
कोर्ट के फैसले का विधायकों को मिला फायदा
सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि विधायकों को तब तक पार्टी किसी निर्देश को मानने के लिए मजबूर नहीं कर सकती, जब उनके इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष के पास हैं। कोर्ट के निर्देश पर बागियों ने फिर से विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा था।
बीजेपी के सामने कई मुश्किलें
अब बात यहां फंस रही है कि बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार कर अयोग्य घोषित करने की फाइल स्पीकर की टेबल है। वहीं कांग्रेस बागी विधायकों की एक अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी लंबित है। बीजेपी की ओर से सीएम प्रत्याशी माने जा रहे येदियुरप्पा का पिछला तीनों मुख्यमंत्री कार्यकाल कुछ ठीक नहीं रहा है। एक बार उन्हें सात दिन और दूसरी बार ढाई दिन में इस्तीफा देना पड़ा था।
दो फैसलों पर टिकी अगली सरकार
अब बीजेपी इन तमाम उलझलनों के बीच कर्नाटक में नई सरकार का श्रीगणेश नहीं करना चाहती। वह चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट और स्पीकर अपने फैसले का ऐलान कर दें उसके बाद ही सरकार का गठन किया जाए।
Updated on:
25 Jul 2019 06:23 pm
Published on:
25 Jul 2019 06:14 pm
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