
Kashmir violence can effect BJP's elections plan
नई दिल्ली। अगले साल फरवरी-मार्च में 5 राज्यों उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं। पंजाब को छोड़कर अन्य 4 राज्यों में पहले से बीजेपी की सरकार हैं। ऐसे में बीजेपी की कोशिश रहेगी कि आगामी विधानसभा चुनावों में चारों राज्यों में बीजेपी पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करते हुए फिर से सत्ता में आए। साथ ही बीजेपी की यह भी कोशिश रहेगी कि पंजाब में अपनी स्थिति को सुधारा जाए। इसके लिए बीजेपी मज़बूत चुनावी रणनीति के साथ मैदान में उतरना चाहेगी। पर बीजेपी की चुनावी रणनीति पर कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियां असर डाल सकती है।
कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियों का बीजेपी की चुनावी रणनीति पर प्रभाव
कश्मीर में बढ़ रही आतंकी गतिविधियां केंद्र सरकार के लिए चिंता का एक बड़ा कारण है। देश में सुरक्षा के नज़रिए से देखा जाए, या आगामी विधानसभा चुनावों के महत्व के नज़रिए से, कश्मीर में बढ़ता आतंक पीएम नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार और बीजेपी के लिए चिंता का विषय है। कश्मीर से धारा 370 और 35A को हटाना केंद्र सरकार अपनी एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में पेश करती है । बीजेपी के नेता समय-समय पर इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बताते हुए कश्मीर में सालों से चली आ रही एक गलती को सुधारना बताते हैं।
समय-समय पर बीजेपी के नेता कहते आए हैं कि धारा 370 और 35A को हटाने से कश्मीर की स्थिति में सुधार होगा, विकास के नए अवसर पैदा होंगे, शांति और खुशहाली आएगी। पर कश्मीर में पिछले कुछ समय से बढ़ रही आतंकी गतिविधियों से सरकार के उन दावों पर भी सवाल उठते हैं। और इस वजह से बीजेपी की आगामी 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति पर भी असर पड़ेगा।
कश्मीर मुद्दा हमेशा से ही भारत में एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। अगर कश्मीर में स्थिति सही होती तोह बीजेपी इस मुद्दे का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में करके अपनी स्थिति को मज़बूत करने में कर सकती थी। पर पिछले कुछ समय से कश्मीर में बढ़ते तनाव और आतंकवाद से अब बीजेपी के चुनावी रणनीति और प्रचार में कश्मीर में शांति के आधार पर प्रचार की उम्मीदों को भी झटका लगा है, जिससे बीजेपी की चुनावी रणनीति पर बड़ा असर पड़ेगा।
Published on:
20 Oct 2021 10:18 am
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