
Kisan Aandolan: Shiv Sena Sanjay Raut Said- More Than 100 Youths Missing Since Republic Day Violence
नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों ( Farms Law ) को वापस लिए जाने की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन अब और भी तेज हो गया है और इसपर राजनीतिक रंग भी चढ़ गया है। तमाम विपक्षी दल संसद में किसानों का मुद्दा उठा रहे हैं और सरकार को घेरने की कोशिश में हैं।
इसी कड़ी में शिवसेना ने केंद्र सरकार पर किसानों के मुद्दे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में शिवसेना के सांसद संजय राउत ( Shiv Sena Leader Sanjay Raut ) ने मोदी सरकार पर भड़ास निकालते हुए कहा कि जिस तरह से किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश हो रही है, वह देश की प्रतिष्ठा के लिए ठीक नहीं है।
बीते 26 जनवरी को लाल किले पर जो हिंसक घटना घटी उसके संदर्भ में राउत ने कहा कि तिरंगे के अपमान पर प्रधानमंत्री दुखी हैं.. देश भी दुखी है, लेकिन तिरंगे का अपमान करने वाला दीप सिद्धू आखिर कौन है? उन्होंने कहा कि सरकार क्यों नहीं देश को ये बता रही है? और आपने अभी तक दीप सिद्धू को क्यों नहीं पकड़ा है?
संजय राउत ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 100 से अधिक युवा लापता हैं, क्यों पुलिस ने सभी का एनकाउंटर कर दिया है? किसी का कुछ पता नहीं चल रहा है? उन्होंने कहा कि देशद्रोह के आरोप में 200 किसानों को तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया है। क्या ये सभी देशद्रोही हैं?राउत ने तीखे अंदाज में सरकार से कहा 'बहुमत अहंकार से नहीं चलता है'।
किसानों की बात नहीं सुन रही है सरकार: राउत
संजय राउत ने आगे कहा कि देश के किसान बीते 2 महीने से अधिक समय से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं, पर आप (केंद्र सरकार) उनकी बात नहीं सुनते हैं और उन्हें गद्दार कहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने बॉर्डर पर जो कील लगाई है और लोहे की दीवार खड़ी की है, यदि ये सबकुछ लद्दाख बॉर्डर पर किया गया होता तो चीन हमारी सीमा में नहीं घुसता।
राउत ने तल्ख लहजे में पूछा कि आज जब किसान अपने हक के लिए लड़ रहा है तो वह खालिस्तानी हो गया, देशद्रोही हो गया, यह कौन से न्याय है? बता दें कि संजय राउत के अलावा, बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा ने भी किसानों के मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जिस कानून को सरकार किसानों के हक का बता रहे हैं, किसान को वह कानून नहीं चाहिए। इसलिए सरकार को फौरन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए।
Updated on:
05 Feb 2021 04:16 pm
Published on:
05 Feb 2021 03:58 pm
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