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5 साल बाद आई मोदी को ‘राम जन्मभूमि’ की याद, क्या ‘रामलला’ लगाएंगे फिर से बेड़ा पार?

locationनई दिल्लीPublished: Apr 26, 2019 10:16:31 am

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

पांच साल में पहली बार अयोध्या जाएंगे पीएम मोदी
क्या फिर अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा उठाएंगे पीएम?
एक मई को चुनावी रैली को संबोधित करेंगे पीएम मोदी

narendra modi

चुनावी बिसात, अयोध्या की याद: 5 साल बाद आई मोदी को ‘राम जन्मभूमि’ की याद, क्या ‘रामलला’ लगाएंगे बेड़ा पार?

नई दिल्ली। 2019 की लोकसभा चुनाव कई मायनों में खास होता जा रहा है। कांग्रेस (CONGRESS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए यह चुनाव किसी युद्ध से कम नहीं है। दोनों ही पार्टियां दिल्ली (DELHI) की सत्ता के लिए हर तरह का दांव-पेच लगा रही हैं। अपनी साख बचाने के लिए भाजपा ने जहां एक-एक कर सारे पत्ते खोल दिए। वहीं, बाजी को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस भी हर हथकंडे का इस्तेमाल कर रही है। शायद इसी का यह परिणाम है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) को पांच साल बाद एक बार फिर ‘राम जन्मभूमि’ यानी अयोध्या (Ayodhya) की याद आई है। पांच साल में जिस ‘रामलला’ को प्रधानमंत्री ने एक बार भी नहीं याद किया, अचानक वहां जाने का प्लान बनने से सियासत फिर गरमा रही है। लेकिन, मोदी का यह प्लान शायद यूं ही नहीं बना है, इसके पीछे कई कारण हैं। जिसकी वजह से मोदी को शायद ‘राम जन्मभूमि’ की याद आई है।
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एक मई को मोदी की अयोध्या यात्रा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगामी एक मई को अयोध्या जाएंगे। पीएम आंबेडकरनगर और अयोध्या के बीच गोसाईंगंज के मया बाजार इलाके में एक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। अयोध्या दौरे को लेकर अभी तक पीएम मोदी का यही कार्यक्रम तय है। मंदिरों में जाएंगे या पूजा करेंगे इसकी चर्चा नहीं है। पार्टी या नेता की ओर से अभी तक इस यात्रा के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन, जैसे ही इस बात की जानकारी दी गई कि मोदी अयोध्या जाएंगे एक अलग तरह की राजनीतिक सरगर्मी शुरू हो गई है। चर्चा यह है कि चुनाव के मद्देनजर एक बार फिर मोदी अयोध्या की यात्रा कर रहे हैं। क्योंकि, पीएम बनने के बाद मोदी एक बार भी अयोध्या नहीं गए। कई बार उन्हें अयोध्या बुलाया भी गया लेकिन वह नहीं गए। इस बात को लेकर साधु-संतों और यूपी के रामभक्तों में नाराजगी भी है।
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‘चुनावी बिसात, आई अयोध्या की याद’

2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जोर-शोर से हिन्दुत्व और राम मंदिर का मुद्दा उठाया। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश में उम्मीद की एक किरण दिखाई दी। भाजपा ने भी इस मुद्दे को जमकर भुनाया और पार्टी अपने मकसद में कामयाब भी हो गई। तीन साल बीत गए 2017 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए, इस मुद्दे को एक बार फिर हवा दी गई और पार्टी को यहां भी कामयाबी मिली। देखते-देखते पांच साल बीत गए लेकिन पीएम मोदी को एक बार भी राम जन्मभूमि की याद नहीं आई। चुनाव फिर है और भाजपा को एक बार फिर राम जन्मभूमि की याद आ गई। यह याद उस वक्त आई है, जब तीन चरण के मतदान हो चुके हैं। क्योंकि, पांचवें चरण यानी 06 मई को फैजाबाद में वोट डाले जाएंगे। वहीं, एक मई को फैजाबाद में मोदी एक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। इसके अलावा 06 मई को यूपी के जिन सीटों पर वोटिंग होनी है, वो इलाका बसपा-सपा और RLD का गढ़ माना जाता है। धौरहरा, सीतापुर, मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, बाराबंकी, बहराइच, कैसरगंज और गोंडा लोकसभा सीटों पर भी 6 मई को मतदान हैं। ऐसे में पीएम मोदी की अयोध्या में यह रैली एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। कयास लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी एक बार फिर राम जन्मभूमि पर ‘रामलला’ को याद करते हुए नई सियासी चाल चल सकते हैं।
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क्या ‘रामलला’ इस बार लगाएंगे बेड़ा पार?

केन्द्र में जब मोदी की सरकार आई तो लोगों सोच रहे थे कि राम मंदिर का निर्माण होगा। लेकिन, केन्द्र सरकार हमेशा इस मुद्दे पर चुप्पी साधी रही। कई बार अध्यादेश लाने की बात भी हुई, फिर भी सरकार चुप्पी साधी रही है। पिछले दो साल के दौरान योगी सरकार ने अयोध्या में कई बड़े भव्य आयोजन भी किए। पिछले साल योगी सरकार ने भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया था। इसके साथ ही फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या भी कर दिया गया। अयोध्या में भगवान राम की बड़ी प्रतिमा लगाने को भी मंजूरी दी जा चुकी है। लेकिन संसदीय सीट अभी फैजाबाद के नाम से जानी जाती है। इसके बावजूद केन्द्र सरकार ने इस मामले में कुछ निर्णय नहीं लिया, बस सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर मामले को दबा दिया गया। एक बार फिर पीएम मोदी अयोध्या जा रहे हैं, लेकिन इन पांच सालों में राम मंदिर निर्माण को लेकर यहां के लोगों सरकार के खिलाफ काफी नाराजगी है। अब सवाल यह कि क्या इस बार ‘रामलला’ पीएम मोदी और भाजपा की नैया पार लगाएंगे या फिर प्रधानमंत्री को ‘बाबा विश्वनाथ’ की कृपा से ही काम चलाना होगा।

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