
लोकसभा चुनाव 2019ः मोदी से मुकाबले के लिए महागठबंधन का नेता कौन? पूछने पर चुप हुए राहुल
मुंबई। लोकसभा चुनाव 2019 की जंग का वक्त धीरे-धीरे नजदीक आ रहा है। अलग-अलग सीटों पर लगातार आए उपचुनावों के नतीजों से एक बात और साफ हो गई है कि मोदी लहर से मुकाबले के लिए विपक्ष एकजुटता को ही सबसे बड़ा हथियार मान रहा है। तमाम छोटे-बड़े विपक्षी दलों के नेताओं ने अपने बयानों से इस बात की लगातार पुष्टि की है। हालांकि इस एकजुट महागठबंधन की सबसे बड़ी समस्या नेतृत्व को लेकर ही है। मुंबई में यही सवाल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछा था, उन्होंने इसका जवाब ही नहीं दिया।
'महागठबंधन बनाना जन भावना के अनुरूप'
महाराष्ट्र दौरे पर गए राहुल ने बुधवार को एक बार फिर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों का महागठबंधन बनाने की कोशिश जनता की भावना के अनुरूप है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि ऐसी भावना ना केवल बीजेपी विरोधी राजनीतिक दलों बल्कि जनता की भी है। हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि विपक्षी दलों के इस महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा तो वे चुप्पी साध गए।
मोर्चा तीसरा बनेगा या दूसरा?
राहुल ने कहा कि कांग्रेस सभी विपक्षी आवाजों को एक साथ लाने की कोशिश कर रही है और इस दिशा में काम चल रहा है। गौरतलब है कि एक तरफ कांग्रेस समूचे विपक्ष को एकजुट करने की बात कह रही है तो दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति जैसे बड़े क्षेत्रीय दलों ने भाजपा-कांग्रेस मुक्त फेडरल फ्रंट की मुहिम छेड़ रखी है। फेडरल फ्रंट के अग्रणी नामों में शुमार ममता बनर्जी ने पहले ही साफ कर दिया है कि उन्हें राहुल के नेतृत्व में काम करना मंजूर नहीं है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि नेतृत्व की लड़ाई के नाम पर तीसरा यानी फेडरल फ्रंट बनेगा या कांग्रेस के सहयोग से दूसरा मोर्चा (संपूर्ण विपक्ष) मोदी का मुकाबला करेगा।
Published on:
13 Jun 2018 04:28 pm
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