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नई दिल्ली।महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के 3 हफ्ते बाद भी सरकार न बनती देख राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया है।
इसके साथ ही विधानसभा को निलंबित रखा गया है। वहीं, शिवसेना , राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने सरकार गठन को अपने प्रयास कम नहीं किए हैं।
कांग्रेस नेताओं का एक दल मंगलवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलने पहुंचा।
कांग्रेस नेताओं से चर्चा के बाद एनसीपी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पहले हम आपस में बात करेंगे, फिर शिवसेना के साथ मिलकर कोई फैसला लेंगे।
आपको बता दें कि मंगलवार को दिन में तेजी से बदलते घटनाक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस.कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को दोपहर के करीब राष्ट्रपति शासन लागू करने के आह्वान के साथ अपनी सिफारिश भेजी।
उन्होंने कहा कि उनकी राज्य में सरकार बनाने की कोशिश विफल हो गई है। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राज्य में केंद्रीय शासन लागू करने की अपनी सिफारिश से अवगत करा दिया। इस बैठक का आयोजन प्रधानमंत्री के ब्राजील रवाना होने से ठीक पहले किया गया।
राष्ट्रपति ने सिफारिश को स्वीकार कर लिया और राज्य में केंद्रीय शासन लागू करने की अधिसूचना पर हस्ताक्षर कर दिया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया और विधानसभा निलंबित है।
उन्होंने कहा कि बीते महीने विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के 20 दिन बाद भी राजनीतिक दल सरकार बनाने में असफल रहे हैं, जिसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।
Updated on:
13 Nov 2019 10:24 am
Published on:
13 Nov 2019 08:04 am
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