संसद में सनी देओल और हेमा मालिनी के बीच दिखेंगी दूरियां, पीछे की वजह है दिलचस्प ये रहा टीएमसी का विभिषण
17वीं लोकसभा के लिए हुआ चुनाव में टीएमसी और भाजपा के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली। इस चुनाव में सबसे ज्यादा हिंसा भी पश्चिम बंगाल में ही सामने आई। वर्ष 2014 में जहां भाजपा दो सीटें ही जीत पाई थी, वहीं इस बार पार्टी 18 सीटें जीतने में कामयाब रही। इसमें टीएमसी के बागी और चुनाव में विभिषण बने मुकुल रॉय की भूमिका अहम रही। रॉय ने थोड़े समय पहले ही टीएमसी छोड़कर भाजपा से नाता जोड़ा था। भाजपा की ये रणनीति उसके लिए सटीक साबित हुई और पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की।
यही मुकुल रॉय अब पार्टी से लगातार विधायकों और नेताओं को तोड़ने में जुटे हैं। अभी हाल में तृणमूल कांग्रेस ने विधायक सुभ्रांशु रॉय को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था। सुभ्रांशु किसी समय तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के करीबी रहे मुकुल रॉय के बेटे हैं।