दिल्ली सरकार ने कहा कोरोना वायरस से 194 की मौत हुई, जबकि श्मसान-कब्रगाह में करीब 600 मरीजों के शव पहुंचे इसे लेकर सिसोदिया ने रविवार को ट्वीट किया, “मुझे खुशी है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर की जा रही घटिया राजनीति को खत्म कर दिया है। दिल्ली सरकार हर रोज कोरोना (वायरस) से संबंधित सही आंकड़े लोगों को उपलब्ध करा रही है।”
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि उक्त आंकड़ों को उचित विश्लेषण के बाद ही प्रकाशित किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, “हम डेथ ऑडिट कमेटी और उत्तरदाताओं से उम्मीद करते हैं कि वे केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों, राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों और दिल्ली में निजी अस्पतालों द्वारा दिए गए डेटा के उचित विश्लेषण के बाद ही डेटा प्रकाशित करेंगे। डेटा को विशेषज्ञों की उपरोक्त समिति और प्रतिवादी/सरकार द्वारा ठीक से बनाए रखा जाए।”
अदालत अखिल भारतीय वकील संघ द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिल्ली सरकार को दैनिक बुलेटिन के माध्यम से कोरोना वायरस पुष्ट मामलों और मौत से संबंधित आंकड़ों को प्रकाशित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने कहा कि आरोपों का कोई आधार नहीं है कि समिति ठीक से काम नहीं कर रही है। इस बीच आम आदमी पार्टी ने कहा कि दिल्ली सरकार के कोरोना से संबंधित मौत के आंकड़ों को सही घोषित करने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मृतकों पर राजनीति करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।
Coronavirus के खौफ में वकीलों के पास वसीयत लिखवाने वाले युवाओं की तादाद बढ़ी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि अब यह स्पष्ट है कि भाजपा COVID-19 के कारण दिल्ली में हुई मौतों की संख्या के साथ गंदी राजनीति खेल रही है। राष्ट्रीय राजधानी में रविवार तक कोरोना वायरस के कारण 261 मौतें हो चुकी हैं और प्रदेश में अभी तक कोरोना के कुल 13,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
गौरतलब है कि भाजपा के नेतृत्व वाले दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन जय प्रकाश ने दावा किया कि इलाके में 21 मई तक कोरोना वायरस पॉजिटिव 282 लोगों का स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत या तो अंतिम संस्कार किया गया है या उन्हें दफनाया गया है। यानी उनके इलाके में अब तक 282 लोगों की मौत कोरोना वायरस के चलते हुई है।
वहीं, दक्षिण दिल्ली नगर निगम में सदन के नेता कमलजीत सहरावत ने भी दावा किया कि असलियत में मौत का आंकड़ा काफफी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि निगम के आंकड़ों के मुताबिक इलाके में कोरोना वायरस के 309 पॉजिटिव मरीजों का अंतिम संस्कार किया गया है या दफनाया गया है।
कल से दिल्ली के IGI Airport पर होगी जबर्दस्त सख्ती, विमान यात्रा के लिए समय से पहले घर से निकलें गौरतलब है कि दिल्ली सरकार द्वारा बीते 21 मई को जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक राजधानी में तब तक 194 लोगों की मौत कोरोना वायरस महामारी के चलते हुई थी। वहीं, शनिवार को जारी हेल्थ बुलेटिन में यह संख्या बढ़कर 231 पहुंच चुकी है।
जय प्रकाश ने आरोप लगाया कि अगर नई दिल्ली और दक्षिण दिल्ली नगर निगम से मिले आंकड़ों को मिला लिया जाए, तो 21 मई तक ही यह संख्या करीब 600 पहुंच जाती है, जो कि दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे मौत के आंकड़ों का तीन गुना है। आम आदमी पार्टी की सरकार अपना चेहरा बचाने के लिए मौत के आंकड़ों को कम बता रही है।