
भारत-चीन विवाद के बीच मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र।
नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना वायरस ( coronavirus in India ) संकट के बीच चीन ( China ) के साथ लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। 20 जवानों की शहादत पर पूरे देश में रोष है। वहीं, इस पूरे मामले पर विपक्षी नेता लगातार सरकार को घेरने में लगे हैं और चीन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब पूर्व प्रधानमंत्री मनमनोहन सिंह (Ex Prime Minister Manmohan Singh ) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Narendra Modi ) को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चीन को लेकर संभल कर बोलें और कहा कि हमारे जवानों की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए।
मनमोहन सिंह ने PM Modi को दी नसीहत
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( Manmohan Singh On India-China Tension ) ने लद्दाख ( Ladakh ) के गलवान घाटी ( Galwan Valley ) में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा करते हुए 15-16 जून को देश के वीर सपूतों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी। इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम साहसी सैनिकों और उनके परिजनों के कृतज्ञ हैं। उनकी शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखते हुए चीन को लेकर अपने शब्दों के चयन में सावधानी बरतने की भी नसीहत दी है।
प्रधानमंत्री के कंधों पर सारी जिम्मेदारी- मनमोहन सिंह
भारत-चीन ( India-China Tension ) के बीच जारी गतिरोध के बीच पूर्व पीएम ने कहा कि हम एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि अभी जो सरकार निर्णय लेगी और कदम उठाया जाएगा उससे हमारा भविष्य तय होगा और आने वाली पीढ़ियां उसका कैसे आकलन करेगी वह भी उसी पर निर्भर करता है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि वर्तमान में जो देश को चला रहे हैं, उन्हीं के कंधों पर कर्तव्य का दायित्व है। हमारे यहां सारा दायित्व प्रधामंत्री के कंधों पर है। लिहाजा, प्रधानमंत्री को अपने शब्दों और ऐलानों से देश पर पड़ने वाले हितों के बारे में अवश्य सोचना चाहिए।
एकजुट होने का है यह समय- पूर्व पीएम
पूर्व प्रधानमंत्री ( Ex Prime Minister Manmohan Singh ) ने कहा कि अब समय आ गया है कि सब लोग एकजुट हों। उन्होंने कहा कि यही असली समय है जब राष्ट्र एकजुट होकर चीनी दुस्साहस को करारा जवाब दे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चुनौतियों को डटकर सामना करने को कहा है। मनमोहन सिंह ने कहा कि हम प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार से आग्रह करते हैं कि इस समय की चुनौतियों का सामना करें और जवानों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें। उन्होंने कहा कि चीन ने अप्रैल, 2020 से लेकर आज तक भारतीय सीमा में गलवान घाटी और पैंगोंग शो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की है। हम न तो उनकी धमकियों एवं दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे। लिहाजा, अब समय आ गया है कि इस खतरे का सामना करें और स्थिति ज्यादा गंभीर हो उससे पहले परस्पर सहमति से काम करें।
वहीं, मनमोहन सिंह की नसीहत पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की महत्वपूर्ण सलाह। भारत की भलाई के लिए, मैं आशा करता हूँ कि PM उनकी बात को विनम्रता से मानेंगे।'
इधर, ममनोहन सिंह के बयान पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मनमोहन सिंह केवल शब्दों से खेलना जानते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम उसी पार्टी से जुड़े हैं, जिसकी सरकार ने बिना लड़े भारतीय जमीन को सरेंडर कर दिया। नड्डा ने कहा कि ये वहीं कांग्रेस पार्टी है, जिसने हमेशा सेना पर सवाल उठाएं हैं और उनका मनोबल तोड़ा है। नड्डा ने कहा कि पूरा देश आज पीएम मोदी का समर्थन करता है। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि दुख की बात है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के काम की वजह से कोई भारतीय ऐसे बयानों पर विश्वास नहीं करेगा। नड्डा ने यहां तक कहा कि मनमोहन जी जब आप प्रधानमंत्री थे तो सैकड़ों स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन चीन के सामने सरेंडर कर दी। उन्होंने कहा कि साल 2010 से लेकर 2013 तक चीन ने 600 बार से ज्यादा घुसपैठ की।
Updated on:
22 Jun 2020 02:05 pm
Published on:
22 Jun 2020 10:37 am
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
