
महबूबा मुफ्ती ने बताया उमर खालिद को जान का खतरा, मीनाक्षी बोली विरोधियों का दुष्प्रचार
नई दिल्ली। सोमवार को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब पर जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद पर जानलेवा हमले को लेकर अब जुबानी जंग शुरू हो गई है। इस घटना को लेकर अभी तक संस्पेंस बरकरार है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच में कर रही है। दूसरी तरफ जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने छात्र नेता उमर खालिद पर हमले की कोशिश को लोकतांत्रिक व्यवस्था के उलट करार दिया। वहीं नई दिल्ली से भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने इसे विरोधियों को दुष्प्रचार करार दिया है।
मीडिया ने पेश की गलत छवि
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद पर सोमवार दोपहर हमले की कोशिश को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने लोकतंत्र का मजाक करार दिया है। महबूबा ने ट्वीट के जरिए बताया है कि मीडिया पर उमर खालिद को राष्ट्र विरोधी के तौर पर पेश करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडलर के जरिए ट्वीट करते हुए लिखा कि आज उमर खालिद पर नफरत फैलाने वालों की ओर से स्वतंत्रता दिवस के दो दिन पहले किया गया हमला हमारे लोकतंत्र का मजाक है। मीडिया ने उमर को राष्ट्रविरोधी के तौर पर पेश करते हुए लोगों में सार्वजनिक उन्माद फैलाने का काम किया है। इससे पहले मेहबूबा ने अपने एक और ट्वीट में लिखा है कि हमारे जैसे लोकतांत्रिक देश में सहमति और असहमति पूरी तरह सही है, लेकिन किसी को चुप कराना और आवाज को बंद करने की कोशिश करना बिल्कुल गलत है। वह भी इसलिए कि उसके विचार किसी से मेल नहीं खाते हैं।
महज प्रोपेगैंडा
दूसरी तरफ नई दिल्ली से भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने उमर पर हमले को महज प्रोपेगैंडा करार दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास झूठी खबरें फैलाने के सिवाय और कोई एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती का बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि प्रोपेगैंडा फैलाने वाले इस काम को सुनियोजित तरीके से अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एंटी मोदी गैंग को बोलने के लिए बहाना चाहिए। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और बहुत जल्द सबकुछ खुलकर सामने आ जाएगा। उसी के साथ खालिद गैंग और उनके समर्थक नेताओं का भी पर्दाफाश हो जाएगा।
जांच क्राइम ब्रांच को
आपको बता दें कि आज दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के पास उमर खालिद अपने दोस्तों के साथ बैठे हुए थे। इसी दौरान कुछ लोग वहां आए और उन्होंने उमर की तरफ आने की कोशिश की। आरोप है कि इन दो में से एक शख्स के पास पिस्तौल थी। जब वहां बैठे लोगों को कुछ शक हुआ तो वे रुक गए और फिर वहां से फरार हो गए। इस घटना में उमर को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंची है। इस मामले में देर रात उमर खालिद और उनके समर्थक संसद भवन थाना पहुंचे और पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की। फिलहाल इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है।
Updated on:
14 Aug 2018 08:08 am
Published on:
14 Aug 2018 08:04 am
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