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गोवा की सत्ता में फिर मचा घमासान, MGP ने BJP सरकार से समर्थन वापसी का किया ऐलान

गोवा की बीजेपी सरकार को बड़ा झटका सहयोगी दल MGP ने किया समर्थन वापसी का ऐलान समर्थन वापसी के बाद भी गोवा सरकार को कोई खतरा नहीं

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गोवा की सत्ता में फिर मचा घमासान, MGP ने BJP सरकार से समर्थन वापसी का किया ऐलान

नई दिल्ली। गोवा में एकबार फिर सत्ता के लिए संघर्ष के हालात बनते दिख रहे हैं। मनोहर पर्रिकर की मौत के बाद आया सियासी भूचाल एकबार फिर असर दिखा रहा है। गोवा की सरकार में सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी ( MGP ) के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक धवलीकर ने प्रमोद सावंत सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है।

गोवा में अब बीजेपी के साथ नहीं MGP

धवलीकर को शुक्रवार को कहा कि उनका दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी ने गोवा की भाजपानीत सरकार से औपचारिक रूप से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। इस संबंध में पत्र राज्यपाल मृदुला सिन्हा को जल्द ही सौंपा जाएगा।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ जाएगी MGP

गौरतलब है कि एक दिन पहले यानि गुरुवार को एमजीपी की केंद्रीय समिति ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था। इसके बाद गोवा सरकार से समर्थन वापस का फैसला कांग्रेस के लिए अच्छी तो बीजेपी के लिए बड़ा झटका है। लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं होगा।

पर्रिकर की मौत के बाद ही MGP-BJP में दिखा मतभेद

बता दें कि एमजीपी का 2012 से भाजपा के साथ गठबंधन था। इससे पहले वह पांच सालों तक कांग्रेस के साथ थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद एमजीपी और भाजपा के मतभेद उभर कर सामने आ गए। नए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एमजीपी के वरिष्ठ नेता सुदिन धवलीकर को उप मुख्यमंत्री बनाया और इसके बाद ही मध्यरात्रि के एक नाटकीय घटनाक्रम ने एमजीपी को तोड़ते हुए बीजेपी ने इसके तीन में से दो विधायकों को अपने में मिला लिया। इसी दिन एमजीपी के एकमात्र बचे विधायक सुदिन धवलीकर को उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया।

समर्थन वापसी के बाद गोवा का सियासी गणित

गोवा में महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी ( MGP ) द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद भी बीजेपी गठबंधन वाली सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 36 सदस्यीय मौजूदा विधानसभा में बीजेपी के 14 विधायक हैं और उसे गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। सरकार के पास 20 विधायकों का समर्थन है, जो कि बहुमत के लिए जरूरी 19 विधायकों से एक ज्यादा है।