
मोदी सरकार का फैसलाः मुख्यधारा से जुड़ेंगे मदरसे, 5 करोड़ अल्पसंख्यकों को स्कॉलरशिप
नई दिल्ली।अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलो के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ( Mukhtar Abbas Naqvi ) बताया कि मोदी सरकार की नई नीति के तहत पांच करोड़ से ज्यादा गरीब अल्पसंख्यक छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाएगी। इनमें आधी संख्या में लड़कियां होंगी। इतना ही नहीं मदरसों को मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा और इनमें औपचारिक शिक्षा व्यवस्था लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अगुवाई वाली सरकार 'इकबाल, इंसाफ और ईमान की सरकार' साबित हुई है।
स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों के लिए चलेगा 'ब्रिज कोर्स'
अंत्योदय भवन में मंगलवार को मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन की 112वीं गवर्निंग बॉडी और 65वीं आम सभा की बैठक हुई। इस दौरान नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों की स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों को देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के 'ब्रिज कोर्स' के जरिये शिक्षा और रोजगार से जोड़ा जाएगा। वहीं, मदरसा शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम अगले महीने लॉन्च किया जाएगा, ताकि मदरसा शिक्षक मुख्यधारा की शिक्षा जैसे- अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि दे सकें।
कौन उठा सकता है छात्रवृत्ति का लाभ
नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों विशेषकर लड़कियों का सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण '3E' यानी एजुकेशन (शिक्षा), एम्प्लॉयमेंट (रोजगार) और एम्पावरमेंट (सशक्तीकरण) के जरिए किया जाएगा। इसमें प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक और मेरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्ति शामिल है, जो अगले पांच सालों तक पांच करोड़ स्टूडेंट्स को दी जाएगी। इसमें 50 फीसदी छात्राएं होंगी। उन्होंने कहा कि इसमें आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए अगले पांच सालों तक 10 लाख से ज्यादा बेगम हजरत महल गर्ल्स स्कॉलरशिप दी जाएगी।
बनाएंगे जाएंगे स्कूल, कॉलेज और हॉस्टल
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास केंद्र ( एमजेवीके ) के तहत स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, पॉलीटेक्निक, गर्ल्स हॉस्टल, गुरुकुल की तरह के आवासीय विद्यालय, कॉमन सर्विस सेंटर का निर्माण युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। यह निर्माण उन क्षेत्रों में किया जा रहा है जहां अभी शैक्षिक बुनियादी ढांचा विकसित नहीं हुआ है। अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए देश भर में 'पढ़ो-बढ़ो' जागरूकता अभियान लॉन्च किया जाएगा। यह उन इलाकों में शुरू किया जाएगा जहां लोग अपने बच्चों को सामाजिक-आर्थिक कारणों से स्कूल नहीं भेजते हैं।
Updated on:
12 Jun 2019 07:24 am
Published on:
11 Jun 2019 06:58 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
