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मोदी सरकार का रफाल सौदा यूपीए से सस्‍ता, जानिए CAG रिपोर्ट से जुड़ी 10 बड़ी बातें

locationनई दिल्लीPublished: Feb 13, 2019 02:14:43 pm

कैग रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एनडीए सरकार का रफाल सौदा यूपीए की तुलना में सस्ता है। हालांकि रिपोर्ट संसद में पेश होने के बाद भी कीमतों से पर्दा नहीं उठा।

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मोदी सरकार का रफाल सौदा यूपीए से सस्‍ता, जानिए CAG रिपोर्ट से जुड़ी 10 बड़ी बातें

नई दिल्‍ली। रफाल सौदे पर हंगामे के बीच सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कैग रिपोर्ट पेश कर दी है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एनडीए सरकार का रफाल सौदा यूपीए सरकार से सस्ता है। हालांकि रिपोर्ट में मोदी सरकार के उस दावे को भी खारिज कर दिया गया है जिसमें कहा जा रहा था कि राफेल विमान यूपीए डील से नौ फीसदी सस्ती है। जानिए क्‍या है कैग रिपोर्ट में खास बातें:
1. एनडीए सरकार की रफाल डील यूपीए सरकार से 2.86 फीसदी सस्ती है।

2. कैग रिपोर्ट में रफाल लड़ाकू विमान का दाम नहीं बताया गया है।

3. फ्लाई अवे प्राइस (तैयार विमान) का दाम यूपीए सरकार की डील के बराबर है।
4. कैग रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 36 रफाल विमानों के सौदे से पिछली डील 126 विमान का करीब 17.08 फीसदी पैसा बचा है।

5. 18 रफाल लड़ाकू विमान यूपीए सरकार के सौदे के मुकाबले 5 महीने पहले भारत में आ जाएंगे।
6. पीएम मोदी की रकार ने जो 9 फीसदी सस्ती डील का दावा किया था, वह CAG रिपोर्ट में सही नहीं निकला है।

7. रक्षा मंत्रालय को कई चरणों वाली इस डील को फाइनल करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस डील का साइन करना रक्षा मंत्रालय के लिए आसान नहीं रहा।
8. यूपीए सरकार के दौरान हुए डील के मुताबिक रफाल विमान की डिलीवरी 72 महीने में होनी थी लेकिन इस डील में 71 महीने में ही डिलीवरी हो रही है।

9. सीसीएस के सामने सितंबर, 2016 में सोवरन गारंटी और लेटर ऑफ कम्फर्ट पेश की गई थी। इसके अन्‍तर्गत तय हुआ था कि लेटर ऑफ कम्फर्ट को फ्रांस के प्रधानमंत्री के समक्ष रखा जाएगा।
10. रक्षा मंत्रालय की ओर से जनवरी, 2019 में बताया गया था कि नई डील में बेसिक प्राइस 9 फीसदी सस्ता है। ये 2007 में 126 विमान के लिए पेश ऑफर की तुलना में सस्ता था।

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