पहले इस कड़ी में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपना दांव चला। सदन में अविश्वास प्रस्ताव वाले दिन से पहले शाह ने उद्धव से फोन पर बात की और उन्हें पक्ष में वोट डालने के लिए मनाने का प्रयास किया। पहले तो शिवसेना ने वोटिंग में हिस्सा न लेने की बात कही लेकिन बाद में पलट गई। इसके बाद मोर्चा संभाला पीएम मोदी ने। मोदी ने भी उद्धव ठाकरे से फोन पर बातचीत के जरिये पुराने मसलों को सुलझाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन इससे भी रिश्तों में मिठास नहीं आ पाई।
दो दिग्गज नेताओं की नाकामयाबी के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने नए जोश के साथ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बांद्रा स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। माना जा रहा है भाजपा नेता पार्टी से नाराज चल रहे उद्धव ठाकरे को मनाने के लिए वहां पहुंचे।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल अगले वर्ष अक्तूबर-नवंबर में खत्म होगा ऐसे में राज्य में छह माह पूर्व ही चुनाव कराये जाने के बारे में भी भाजपा आलाकमान काफी गंभीरता से विचार कर रहा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी पार्टी की बैठकों में कई बार यह कह चुके हैं कि भाजपा को अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।