
नई दिल्ली। राजनीति में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान आम बात है, लेकिन भारत में एक राज्य अब ऐसा भी जहां सरकार बिना विपक्ष के ही चलेगी। ये राज्य है देश का पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड। नागालैंड ( Nagaland ) देश का इकलौता राज्य होगा, जहां बिना विपक्ष ( No Opposition ) के ही सरकार चलेगी।
बड़े सियासी बदलाव के क्रम में नागालैंड की सभी पार्टियों ( All Party ) ने एक साथ मिलकर सरकार चलाने का फैसला लिया है। नागालैंड विधान सभा में प्रतिनिधित्व करने वाले सभी राजनीतिक दलों ने कोहिमा में एक सर्वदलीय सरकार के गठन को अंतिम रूप दिया। इसके साथ ही सत्ता पक्ष और सभी विपक्षी दलों ने हाथ मिला लिया।
नागालैंड ने देश के इतिहास ने एक सुनहरा अध्याय जोड़ दिया है। अब यहां विपक्ष रहित सरकार चलेगी। राजधानी कोहिमा में सर्वदलीय बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगी। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने मिलकर काम करने का निर्णय लिया।
संयुक्त लोकतांत्रिक गठबंधन
सदन ने संकल्प लिया कि नई सरकार को संयुक्त लोकतांत्रिक गठबंधन कहा जाएगा। इस गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी भी शामिल है।
दरअसल, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो की अध्यक्षता में हुई बैठक में विपक्ष रहित सरकार अपनाने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया।
सीएम रियो ने इस फैसले के बाद ट्वीट भी किया और कहा कि, नागालैंड में विपक्ष रहित सरकार के लिए संयुक्त लोकतांत्रिक गठबंधन ( UDA ) का नामकरण हुआ है।
एनडीपीपी, बीजेपी, एनपीएफ और निर्दलीय विधायकों के पार्टी नेताओं और विधायकों ने सर्वसम्मति से यह
फैसला लिया है।
नागालैंड सरकार की प्रवक्ता नीबा क्रोनू के मुताबिक, विधायक अगले कुछ दिनों में UDA के गठन के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे।
पहले यह घोषणा की गई थी कि नई सरकार को नागालैंड संयुक्त सरकार कहा जाएगा, लेकिन क्रोनू की मानें तो शनिवार की बैठक के दौरान यह तय किया गया कि नई सरकार का नाम यूडीए ही अधिक उपयुक्त होगा।
बता दें कि 60 सदस्यीय नागालैंड विधानसभा में एनडीपीपी के 20 विधायक, बीजेपी के 12, एनपीएफ के 25 और दो निर्दलीय विधायक हैं। वहीं, नागालैंड विधानसभा में एनडीपीपी विधायक तोशी वुंगतुंग के निधन के बाद एक सीट खाली है।
दरअस 19 जुलाई को मुख्य विपक्षी दल नागा पीपुल्स फ्रंट ( NPF ) ने बिना किसी पूर्व शर्त के एक सर्वदलीय सरकार बनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें सीएम रियो से विचार करने का अनुरोध था। मकसद था संयुक्त रूप से नागा मुद्दे के शीघ्र राजनीतिक समाधान पर जोर दिया जा सके।
शुरू में सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) ने इस कदम की सराहना की, लेकिन बीजेपी के नेता खुश नजर नहीं आए। हालांकि, सीएम रियो ने उन्हें मना लिया।
Published on:
19 Sept 2021 11:23 am
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