
कर्नाटक क्राइसिस में नया मोड़, भाजपा ने जेडीएस को दिया सीएम पद का ऑफर
नई दिल्ली। पिछले सात दिनों से कर्नाटक राजनीतिक संकट ( karnataka crisis ) को लेकर जारी घमासान के बीच इस बात की चर्चा जोरों पर है कि भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) ने जेडीएस ( JDS ) को सीएम पद का ऑफर दिया है। इससे कर्नाटक की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है। हालांकि भाजपा के किसी नेता ने इस बात की पुष्टि नही की है।
दूसरी तरफ चर्चा यह भी है कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ( Congress-JDS Coalition ) के बागी विधायकों को भाजपा में शामिल करने को लेकर पार्टी के नेताओं में एक राय नहीं है।
भाजपा नेता ने किया मुलाकात से इनकार
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा ने कर्नाटक में सत्ता में वापसी करने के लिए जेडीएस के कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया है।
सूचना तो यहां तक है कि भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मुरलीधर राव ( BJP National Secratory Murlidhar Rao ), कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ( Karnataka CM HD Kumaraswamy ) के करीबी और पर्यटन मंत्री आर महेश ( Tourism minister R Mahesh ) के बीच इस मुद्दे पर बातचीत भी हुई है।
इस बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता मुरलीधर राव ( BJP Leader Murlidhar Rao ) ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि सीएम कुमारस्वामी के करीबी आर महेश से उनकी मुलाकात नहीं हुई है।
मुरलीधर राव ने कहा कि एक ही स्थान पर दो नेताओं का होना एक संयोग है। इस तरह की अफवाहों पर यकीन करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मुलाकात की बातों में कोई दम नहीं है।
कुशासन का शासन जल्द समाप्त होगा
इसके उलट भाजपा नेता मुरलीधर राव ने कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि कर्नाटक में कुशासन का राज जल्द समाप्त होने वाला है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक क्राइसिस ( Karnataka Crisis ) को लेकर बदलते समीकरणों पर भाजपा की नजर जरूर है। मुरलीधर राव ने कहा कि कर्नाटक की जनता के हित में पार्टी कुछ भी करने को तैयार है।
भाजपा की राह में स्पीकर रमेश ने फंसाया पेच
बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बागी विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार ( Congress-Jds Coalition Government ) लगभग अल्पमत में आ गई है।
अगर कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लें तो सरकार गिर सकती है।
इस्तीफा मंजूर होने पर भाजपा की बन सकती है सरकार
अगर कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं तो सदन में सदस्य संख्या 208 रह जाएगी।
ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 105 का हो जाएगा और सरकार के पास 100 की सदस्य संख्या होगी। वर्तमान में भाजपा के पास 105 विधायक हैं। दो निर्दलीयों को मिला दें तो यह आंकड़ा 107 का हो जाता है।
ऐसा न होने पर बागी विधायकों पर बढ़ेगा दबाव
विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश द्वारा इस्तीफा स्वीकार नहीं किए जाने की स्थिति में सदन की सदस्य संख्या 224 ही रहेगी।
इस स्थिति में अगर विश्वास मत या अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाता है तो कांग्रेस और जेडीएस अपने विधायकों को व्हिप जारी कर सकती है।
ऐसे स्थिति में अगर बागी विधायक सरकार के खिलाफ जाएंगे तो एंटी-डिफेक्शन लॉ के तहत उनकी सदस्यता रद्द हो सकती है।
Updated on:
12 Jul 2019 04:40 pm
Published on:
12 Jul 2019 11:02 am
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