
नीतीश कुमार ने आरएसएस नेताओं की निकलवाई कुंडली, अब जेडीयू-भाजपा में तकरार के आसार
नई दिल्ली। मोदी मंत्रिमंडल में जेडीयू को तवज्जो न मिलने को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब भी नाराज हैं। सीएम नीतीश कुमार की नाराजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने स्पेशल ब्रांच को प्रदेश के आरएसएस नेताओं ( rss leaders ) की कुंडली तक निकलवा ली है।
इस बात का खुलासा होने के बाद से जेडीयू-भाजपा गठबंधन ( JDU-BJP Coalition ) के बीच तकरार की संभावना एक बार फिर बढ़ गई है।
मोदी मंत्रिमंडल के गठन से 2 दिन पूर्व जारी हुआ था आदेश
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी मंत्रिमंडल में तवज्जो न मिलने का संकेत भांपकर पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से दो दिन पूर्व ही बिहार पुलिस की खुफिया इकाई को आरएसएस नेताओं ( Rss Leaders ) की जानकारी निकालने का आदेश मिला था।
उन्हीं के आदेश पर स्पेशल ब्रांच के एसपी ने एक पत्र जारी कर प्रदेश के आरएसएस पदाधिकारियों और 17 सहायक संगठनों की विस्तृत जानकारी निकालने के आदेश विभागीय अधिकारियों को दिए थे।
बिहार स्पेशश्ल ब्रांच ( Bihar Special Branch ) एसपी ने सभी डेप्युटी एसपी को संबोधित करते हुए आरएसएस नेताओं के नाम, पता, पद और व्यवसाय की जानकारी सात दिनों के अंदर देने को कहा गया था। लेटर की कॉपी स्पेशल ब्रांच के एडीजी, आईजी और डीआईजी को भी भेजी गई थी।
वर्तमान में स्पेशल ब्रांच के एसपी (जी) कार्तिकेय शर्मा का इस बारे में कहना है कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैंने हाल ही में एसपी (जी) के रूप में पदभार संभाला है।
स्पेशल ब्रांच की सूची में गलत नाम
स्पेशल ब्रांच द्वारा जारी सूची में आरएसएस के अलावा वीएचपी, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, हिंदू राष्ट्र सेना, धर्म जागरण समिति, राष्ट्रीय सेविका समिति, दुर्गा वाहिनी स्वदेशी जागरण मंच, शिखा भारती, भारतीय किसान संघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी व अन्य के नाम भी शामिल हैं।
इस सूची को लेकर एक आरएसएस नेता ने कहा कि कई संगठन के नाम पत्र में गलत लिखे हुए हैं। सूची में कई ऐसे संगठन के नाम हैं जो हैं ही नहीं।
इससे पता चलता है कि बिहार पुलिस का खुफिया तंत्र किस तरह काम करता है।
जेडीयू ने बताया रूटीन मामला
इस मुद्दे पर जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने इसे रूटीन मामला बताया। उन्होंने कहा कि हर राज्य या केंद्र सरकार की खुफिया इकाई समय-समय पर इस तरह की सूचनाएं इकट्ठा करती है। इसे किसी संगठन की छवि को खराब करने की कोशिश के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
बिहार भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने इस मसले पर कहा कि यह गंभीर मसला है क्योंकि आरएसएस एक राष्ट्रीय संगठन है। साथ ही जेडीयू एनडीए में प्रमुख सहयोगी दल है।
Updated on:
17 Jul 2019 10:35 am
Published on:
17 Jul 2019 10:25 am
