
नई दिल्ली। पिछले सोमवार को दलित संगठनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद के जवाब में अब मंगलवार को आरक्षण के खिलाफ भारत बंद की अपील की जा रही है। किसी बड़े राष्ट्रीय संगठन या नेता के अभाव में किए जा रहे इस बंद को ले कर केंद्र सरकार भी सतर्क हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बारे में राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है। खास तौर पर यह मध्य प्रदेश को ले कर बेहद आशंकित है, जहां पिछले भारत बंद के दौरान बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी।
एसपी और डीएम होंगे जवाबदेह
आरक्षण के खिलाफ 10 अप्रैल के भारत बंद के लिए सोशल मीडिया पर अपील की जा रही है। मध्य प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में इसको ले कर लोग तैयारियां भी कर रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खुफिया सूचना के आधार पर सभी राज्यों को जारी अपनी एडवाइजरी में कहा है, “किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए निषेधाज्ञा सहित सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस गश्त बढ़ा दी जाए ताकि जान-माल के किसी भी नुकसान को रोका जा सके।” इस एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को उनके क्षेत्र में स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में रखने के लिए व्यक्तिगत तौर पर जवाबदेह बनाया जाए।
कुछ लोग गलत लाभ उठाने की तैयारी में
खुफिया सूचना में यह आशंका जताई गई है कि इस बंद के दौरान दलितों के घरों और मुहल्लों को खास तौर पर निशाना बनाया जा सकता है। इसी तरह कुछ लोग इस माहौल का फायदा भी उठाने की कोशिश करेंगे। सोमवार को दलित संगठनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी। यहां ग्वालियर चंबल इलाके में सात लोगों की जान गई। इसके साथ ही देश भर में हिंसक प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों को कांग्रेस पार्टी ने भी समर्थन किया था। पछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दलित उत्पीड़न कानून को ले कर जो आदेश जारी किए हैं, उससे दलितों में नाराजगी बढ़ी है और आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार ने इस मामले में दलितों का पक्ष ठीक तरीके से नहीं रखा। लेकिन बंद में हुई हिंसा के बाद से अगड़ी जातियों में भी नाराजगी देखी जा रही है।
Published on:
09 Apr 2018 05:31 pm
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