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चीन की भारत में घुसपैठ पर ओवैसी का पीएम मोदी से सवाल, खामोश क्यों हैं?

Published: Oct 17, 2021 10:29:36 pm

Submitted by:

Nitin Singh

चीन की भारत में घुसपैठ पर ओवैसी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि पाकिस्तान पर सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी, लेकिन चीन के मुद्दे पर चुप क्यों है।

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Asaduddin Owaisi

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच कई महीनों से सीमा पर तनाव बना हुआ है। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता भी हुई, लेकिन उसका सीमा की स्थितियों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। वहीं चीन की सीमा पर बढ़ती सक्रियता को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। अब AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तराखंड में चीन की घुसपैठ पर पीएम खामोश क्यों हैं।
चीन पर चुप क्यों है पीएम मोदी
हैदराबाद से सांसद ओवैसी का कहना है कि पुलवामा हमले के बाद मोदी सरकार ने सेना का इस्तेमाल किया और पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की। वहीं जब बात चीन की आती है तो पीएम मोदी चुप्पी क्यों साध लेते हैं। चीन में घुसकर हमला क्यों नहीं करते प्रधानमंत्री मोदी। बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब ओवैसी ने चीन के मुद्दे पर पीएम मोदी पर निशाना साथा हो। अभी हाल ही में एक कार्यक्रम में ओवैसी ने कहा था कि एक तरफ जहां पीएम मोदी बॉयकॉट चीन की बात करते हैं तो वहीं दूसरी खुद चीनी व्यापार को बढ़ावा देते हैं। सरकार का ये दोहरा रवैया ठीक नहीं है, पीएम मोदी देश की जनता को भ्रमित कर रहे हैं।
बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा पर मुठभेड़ में कई भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस दौरान भारत ने भी चीन को काफी नुकसान पहुंचाने का दावा किया था। इसके बाद भारत सरकार ने चीन पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कई चीनी ऐप्स पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया था, इनमें मशहूर वीडियो प्लेटफॉर्म टिक-टॉक भी शामिल था। भारत द्वारा पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक की तर्ज पर सरकार ने इसे चीन पर डिजिटल स्ट्राइक बताया।
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गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच कई महीनों से सीमा पर तनाव बना हुआ है। वहीं सीमा पर शांति स्थापित करने के लिए दोनों देशों के प्रतिनिधि कई बार मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकल सका। अभी हाल ही में दोनों देशों के बीच 13वें दौर की वार्ता हुई थी। करीब साढ़े आठ घंटे चली इस बैठक में भी पहले की तरह दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों पर चर्चा हुई।
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