
बंगलूरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कर्नाटक यात्रा के दौरान कहा कि एक नेता थे जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया चलता है तो जनता तक 15 पैसा पहुंचता है। कांग्रेस का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि आखिर वह कौन सा पंजा है जो 1 रुपये को 15 पैसा बना देता है। अब देश में ईमानदार युग की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना जीवन कभी अपने लिए नहीं जिया, उनके लिए देश प्रथम है। वे रहें या ना रहें, लेकिन इस देश को कभी बर्बाद नहीं होने देंगे।
दरअसल, कांग्रेस पार्टी के नेता राजीव गांधी ने एक बार सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर इशारा करते हुए कहा था कि वे जानते हैं कि केंद्र से चला एक रुपया जनता तक पहुंचते-पहुंचते 15 पैसा रह जाता है। प्रधानमंत्री मोदी इसी बयान पर तंज कस रहे थे।
कर्नाटक के उजीर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस देश में एक ईमानदार व्यवस्था की शुरुआत हुई है। उन्होंने लोगों को डिजिटल लेनदेन करने के लिए प्रेरित करते हुए रुपे कार्ड बांटे। उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन के कारण भ्रष्टाचार में कमी आयी है, उनकी सरकार में एक रूपये भेजने पर लोगों तक 100 पैसा पहुंच रहा है। कुछ लोगों को उनका हिस्सा नहीं मिल रहा है, इसीलिए उन्हें उनकी सरकार अच्छी नहीं लग रही है।
उन्होंने कहा कि वे डॉक्टर वीरेन्द्र हेगड़े के सम्मान में कोई बात कहने के लिए बहुत छोटे हैं। लेकिन इस देश ने उन्हें उनका सम्मान करने का अवसर उन्हें अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि हेगड़े ने अपना जीवन वन लाइफ वन मिशन के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि हेगड़े के जीवन से उन्हें लगातार कुछ अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है।
तीर्थों से सीखें विश्वविद्यालय
पीएम ने कहा कि आज विश्व में सभी चीजों का आकलन होता है, और उनकी रैंकिंग जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि भारत में तीर्थों पर जितना अध्ययन होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ। आज के विश्विद्यालयों को सीखना चाहिए कि आज भी कैसे लोगों का विश्वास उनके अंदर बना हुआ है। उन्होंने कहा कि दुनिया के यूनिवर्सिटीज को इनका अध्ययन करना चाहिए।
Published on:
29 Oct 2017 02:45 pm
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