संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में देश भर के 708 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। इन स्वयंसेवकों में डॉक्टर्स, आईटी एक्सपर्ट, इंजीनियर, पत्रकार, किसान और विभिन्न वर्ग के युवा शामिल हैं। इनकी उम्र 25 से 30 साल की है। इन्हीं लोगों को पूर्व राष्ट्रपति मुखजी संबोधित करेंगे। इसके साथ ही संघ के कई बड़े पदाधिकारी भी शिरकत करेंगे।
कांग्रेस की बेचैनी इस बात को लेकर है कि एक वैचारिक प्रतिनिधि के रूप में कांग्रेस के पास प्रणब से बड़ा चेहरा और कोई नहीं है। वो आजीवन कांग्रेस से जुड़े रहे और देश के राष्ट्रपति बने। एक नेता के रूप में उनके अनुभवों से धुर विरोधी भी सीख लेते हैं। कांग्रेस के लिए उन्होंने कई बार संकटमोचक का काम किया। इसके बावजूद सोनिया गांधी के कार्यकाल में भी उनकी उपेक्षा हुई थी। यूपीए वन और टू के समय वो पीएम पद के सबसे प्रबल दावेदार थे, लेकिन सोनिया गांधी ने डॉ. मनमोहन सिंह को पीएम बनाया। उस समय भी उन्हें निराशा हाथ लगी थी। पिछले कई दशक से कांग्रेस में उनकी भूमिका थिंकर्स के रूप में रही है। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उनसे किसी मसले पर सलाह तक नहीं लेते। खासकर राष्ट्रपति पद का कार्यकाल समाप्त हुआ तब से लेकर अब तक राहुल गांधी ने उनकी कोई खोज खबर तक नहीं ली। न ही किसी मसले पर सलाह मशविरा किया। इस बीच भाजपा नेता, आरएसएस और देश के अन्य नेता उनसे मिलते रहे। यही कारण है कि राहुल गांधी के सिपहसालार इन दिनों बेचैन हैं कि कहीं वो कांग्रेस के खिलाफ ही कुछ बोल न दें।