
राफेल घोटाले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने में दुविधा महसूस कर रहे प्रशांत भूषण, बताई ये बड़ी वजह
नई दिल्ली। स्वराज अभियान संगठन के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने रविवार को दावा किया कि वह राफेल मामले में वह सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को लेकर दुविधा में हैं। इसकी वजह है कि सर्वोच्च अदालत में भी भारी भ्रष्टाचार है। प्रशांत भूषण ने ये दावा रांची में पत्रकारों से बातचीत के बीच किया।
सीधे-सीधे किया प्रहार
भूषण ने सीधे-सीधे देश की सर्वोच्च न्याय व्यवस्था पर प्रहार किया और कहा कि उच्चतम न्यायालय में कोई मामला ले जाने से पहले सोचना पड़ता है, क्योंकि सर्वोच्च न्यायलय में भी बहुत भ्रष्टाचार है और यही वजह है कि वह इस मामले को अदालत में ले जाने को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं।
थप थपा चुके कांग्रेस की पीठ
भूषण मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि राफेल सौदे में 36000 करोड़ का घोटाला हुआ है। आपको बता दें कि राफेल मामले को मजबूती के साथ उठाने के लिए भूषण पहले ही कांग्रेस की जमकर पीठ थपथपा चुके हैं। रविवार को एक बार फिर उन्होंने कहा कि वे इस सौदे को लेकर केंद्र सरकार पर चौतरफा दबाव डालने रास्ता अख्तियार करेंगे फिर नतीजा चाहे जो हो।
प्रशांत भूषण ने कहा कि राफेल घोटाले के संबंध में कहा कि 2007 में 126 हवाई जहाज खरीदने का टेंडर किया गया था, जिसमें कहा गया कि 18 हवाई जहाज बाहर से आयेगा। बाकी हिंदुस्तान की फैक्ट्री में ही निर्मित होगा। इसके दो उद्देश्य थे, एयर फोर्स रक्षा मंत्रालय से बेहतर संबंध में बनाकर यह सौदा किया गया था।
भूषण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रैल 2015 में जब फ्रांस का दौरा किये तो उन्होंने 126 राफेल हवाई जहाज को कम कर 36 राफेल हवाई जहाज खरीदने की बात की. जहां 126 हवाई जहाज 600 करोड़ रुपये में आ रहा था वह अब बढ़कर सोलह सौ करोड़ हो गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7000 करोड़ में सिर्फ 36 हवाई जहाज के लिए ही बात की, जिसमें 21000 करोड़ अनिल अंबानी की कंपनी को दिये जाने की बातें कही गई।
Published on:
26 Aug 2018 12:39 pm
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