
राष्ट्रपति ने कुशवाहा का इस्तीफा किया मंजूर, पीएम मोदी पर धोखा देने का आरोप
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा का केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा स्वीकार कर लिया। कुशवाहा ने सोमवार को इस्तीफा दिया था। आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि भारत के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सलाह पर उपेंद्र कुशवाहा के मंत्रिपरिषद से इस्तीफे को तत्काल भाव से स्वीकार कर लिया है। मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने के बाद कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिहार को धोखा देने का आरोप लगाते हुए भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से भी किनारा कर लिया था।
रालोसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि मोदी के कामकाज की शैली अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक है। रालोसपा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के बाद मोदी से अलग होने वाला राजग का दूसरा सहयोगी पार्टी थी। कुशवाहा ने यह भी कहा था कि केंद्रीय मंत्रिमंडल महज एक रबर स्टैंप बनकर रह गया है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अलग हो जाने की घोषणा के बाद बिहार का सियासी पारा भी चढ़ गया है। इस सियासी घटना के बाद यहां बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। भाजपा ने जहां कुशवाहा के इस कदम को अति महत्वाकांक्षा में उठाया गया कदम और खुद के लिए नुकसानदेह बताया, वहीं राजद और कांग्रेस ने कुशवाहा के इस कदम का स्वागत किया।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के नेता मंगल पांडेय ने कुशवाहा के इस कदम को महत्वकांक्षा में उठाया गया कदम बताते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा का फैसला उनकी राजनीति के अंत की पटकथा है जो उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा की कलम से स्वयं लिखी। एक्सप्रेस ट्रेन की सवारी छोड़ कोई लोकल ट्रेन पर नहीं बैठता। वहीं, खबर आई है कि असम गण परिषद ने भी भाजपा को गठबंधन तोड़ने की चेतावनी दी है। एजीपी की ओर से यह चेतावनी 'अप्रिय' नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को लेकर दी गई है। कहा गया है कि संसद में पास कराने की मंशा से ले जाया गया, तो वो गठबंधन छोड़ देंगे।
Updated on:
11 Dec 2018 05:11 pm
Published on:
11 Dec 2018 12:14 pm
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