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महाराष्ट्र में तीसरी बार लगा है राष्ट्रपति शासन

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन चल चुका है पहली बार 112 दिनों तक महाराष्ट्र में था राष्ट्रपति का शासन दूसरी बार 32 दिनों तक लागू रहा है राष्ट्रपति शासन

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नई दिल्ली।महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग चुका है। मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश को मंजूरी दे दी। बता दें कि राज्य में राष्ट्रपति का शासन 6 महीने लगा रहेगा।

इस बीच कोई दल या गठबंधंन आंकड़े जुटा कर बहुमत साबित करता है तो राष्ट्रपति शासन हट सकता है। बता दें कि अभी तक महाराष्ट्र में केवल दो बार राष्ट्रपति शासन लगा था।

पहली बार कब लगा राष्ट्रपति शासन

पहली बार महाराष्ट्र में 1980 में राष्ट्रपति शासन लगा था। उस दौरान एक साथ सात राज्यों में राष्ट्रपति शासन की घोषणा की गई थी। उस समय महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शरद पवार थे। 112 दिनों तक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति का शासन लगा रहा था।

दूसरी बार 32 दिनों तक

दूसरी बार महाराष्ट्र में 2014 में राष्ट्रपति शासन लगा था। उस दौरान राज्य में कांग्रेस, एनसीपी और अन्य दलों की गठबंधंन की सरकार थी।

लेकिन सहयोगी दल एनसीपी सहित अन्य दलों से कांग्रेस अलग हो गई थी। जिसके बाद विधानसभा भंग कर दी गई और राज्य में 32 दिनों तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा था। आपको बता दें कि देश में अब तक अलग-अलग राज्यों में 125 बार राष्ट्रपति शासन लगाए जा चुके हैं।

तीसरी बार राष्ट्रपति शासन

तीसरी बार महाराष्ट्र में कल यानी मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लग गया। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद कोई भी पार्टी बहुमत साबित नहीं कर पाई।

राज्यपाल ने एक-एक कर राज्य की बड़ी पार्टियों को सरकार बनाने का न्योता दिया था। सबसे पहले राज्यपाल भगत सिंग कोश्यारी ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था। लेकिन बीजेपी ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया।

इसके बाद राज्यपाल ने शिवसेना को न्योता दिया। शिवसेना ने राज्यपाल से इसके लिए 48 दिन की मोहलत मांगी। कोश्यानी ने शिवसेना की मांग की अस्वीकार करते हुए 24 घंटे का समय दिया।

यह भी पढ़ें-Big Breaking: महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन...लेकिन तब भी बन सकती है सरकार...कांग्रेस ने रखा ये फॉर्मूला

बीते सोमवार की रात राज्यपाल की तरफ से एनसीपी को भी सरकार बनाने का दावा पेश करने का न्योता दिया। मंगलवार की शाम तक किसी भी दल की ओर से सरकार गठन को लेकर बहुमत साबित न कर पाने के बाद राष्ट्रपति के पास राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की गई। जिसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को मंजूरी दे दी।